सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या का सोलरसिटी के रूप में विकास: उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ

योगी सरकार की इस पहल का उद्देश्य अयोध्या का विकास सौर ऊर्जा पर आधारित एक आदर्श शहर के रूप में करना है. इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ शहर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा.

योगी सरकार की इस पहल का उद्देश्य अयोध्या का विकास सौर ऊर्जा पर आधारित एक आदर्श शहर के रूप में करना है. इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ शहर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा.

author-image
Manoj Sharma
New Update
cm yogi

cm yogi Photograph: (Social Media)

हजारों वर्ष पूर्व जब भगवान श्रीराम श्रीलंका में रावण को परास्त करके सीता मां और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो अयोध्या वासियों ने उनका स्वागत दीपक जलाकर किया था. अयोध्या नगरी हजारों-लाखों दीपकों के प्रकाश से जगमगा उठी थी. अब उसी अयोध्या नगरी को सूर्य की रोशनी से जगमगाने की योजना पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार काम कर रही है. इस योजना के तहत अयोध्या को 'सोलर सिटी बनाया जाएगा. इससे न केवल शहर की ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि पर्यावरण का संरक्षण भी होगा.

अयोध्या बनेगी सौर ऊर्जा पर आधारित एक आदर्श शहर

Advertisment

योगी सरकार की इस पहल का उद्देश्य अयोध्या का विकास सौर ऊर्जा पर आधारित एक आदर्श शहर के रूप में करना है. इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ शहर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा. इस परियोजना का संचालन उत्तर प्रदेश नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (UPNEDA)  कर रहा है. इसका अंतिम लक्ष्य इस मॉडल को प्रदेश के अन्य 16 नगर निगमों और नोएडा में भी लागू करना है. इसका उद्देश्य यह है कि ऊर्जा जरूरतों का अधिकतम भाग सौर ऊर्जा से पूरा किया जाए.

सरकारी इमारतों की छतों पर लगाए जाएंगे सौर पैनल

इस परियोजना के तहत 2.5 मेगावाट के सौर पैनल अयोध्या में 117 सरकारी इमारतों की छतों पर लगाए जाने हैं. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय, जिला कोर्ट, राम कथा संग्रहालय, और अनेक सरकारी स्कूलों की इमारतों में इन्हें लगाया जाना है. ये पैनल न केवल इन संस्थानों को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि शहर के कुल ऊर्जा उत्पादन में भी योगदान देंगे.

सरयु के किनारे 40 मेगावाट के सोलर पार्क की स्थापना

अयोध्या की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बड़ा कदम सरयू नदी के किनारे, रामपुर हलवारा, मांझा क्षेत्र में 40 मेगावाट का सोलर पार्क स्थापित करना है. यह पार्क शहर की करीब 40 फीसदी बिजली की मांग को पूरा करेगा. इससे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर शहर की निर्भरता कम होगी.

शहर के बुनियादी ढांचे को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा

परियोजना में केवल बिजली उत्पादन ही नहीं, बल्कि शहरी बुनियादी ढांचे को भी सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा. इसके तहत शहर में सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट्स, चार्जिंग पॉइंट, पेयजल कियोस्क और 'सोलर ट्री' लगाए जाएँगे. इसके अलावा, सरयू नदी में प्रदूषण को कम करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाली नावें भी चलाई जाएंगी.

सौर ऊर्जा से सरयू में नाव और सड़कों पर दौड़ेंगे वाहन

प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है, इसके लिए शहर में चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क विकसित किया जा रहा है. साथ ही, नागरिकों को अपनी छतों पर सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है, ताकि वे भी इस क्रांति में भागीदार बन सकें.

इस योजना की शुरुआत 2023 में हुई थी और इसे 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है. उत्तर प्रदेश की सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत अगले 2 सालों के दौरान 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य है.

इस परियोजना के माध्यम से, अयोध्या एक आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-स्वतंत्र शहर के रूप में उभरेगा, जो भारत के अन्य शहरों के लिए एक मिसाल कायम करेगा. यह कदम न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद करेगा, बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगा.

Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath
Advertisment