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गंगा की बाढ़भूमि को सुरक्षित करेगी योगी सरकार Photograph: (Social Media)
UP News: योगी सरकार हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रही है. अब राज्य सरकार गंगा नदी के प्राकृतिक प्रवाह, बाढ़ सुरक्षा और अतिक्रमण नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है. दरअसल, सीएम योगी के नेतृत्व वाली यूपी सरकार गंगा की बाढ़भूमि (फ्लड प्लेन) की स्पष्ट सीमा तय करने जा रही है. जिसके लिए वर्ष 2026 तक 7,350 पिलर लगाने की योजना है. जिस पर काम शुरू कर दिया गया है. इसके लिए उन्नाव से बलिया तक करीब 710 किलोमीटर लंबे हिस्से में यह भौतिक सीमांकन का काम शुरू कर दिया गया है. जिससे भविष्य में बाढ़ के जोखिम को कम किया जा सके और नदी का पारिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित रह सके.
एनजीटी में दाखिल की रिपोर्ट
इसके लिए उत्तर प्रदेश सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने गंगा फ्लड प्लेन के सीमांकन की प्रगति से संबंधित एक विस्तृत रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में दाखिल की है. इसी रिपोर्ट पर एनजीटी ने 19 मई, 2025 को दिए गए आदेश के अनुपालन में 18 दिसंबर को रिपोर्ट पेश की है. जिसमें गंगा और उसकी सहायक नदियों की बाढ़ भूमि को परिभाषित करने और सुरक्षित रखने के लिए उठाए गए प्रशासनिक और तकनीकी कदमों के बारे में बताया गया है.
13 जिलों में चिन्हित की गई बाढ़भूमि
एनडीटी को सौंपी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी के 13 जिलों में गंगा नदी की बाढ़ भूमि को चिह्नित करने के लिए कुल 7,350 स्तंभ (पिलर) लगाए जाएंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी जिलों में तकनीकी मानकों के आधार पर फ्लड प्लेन का निर्धारण पूरा हो चुका है. इनमें से 10 जिलों में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर दी गई है और कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं. वहीं बाकी तीन जिलों में टेंडर अंतिम चरण में पहुंच गया है.
31 मार्च 2026 तक पूरा होगा कार्य
इसके लिए विभाग ने इन सभी कामों को 31 मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य भी रखा है. वहीं सिंचाई विभाग के मुताबिक, सेगमेंट-बी, फेज-द्वितीय यानी उन्नाव से बलिया में सीमांकन कार्य पूरा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. जिसकी मॉनिटरिंग की जा रही है. जिससे एनजीटी के आदेशों का पूरी तरह से पालन किया जा सके.
योगी सरकार कर रही आपदा से बचाने पर काम
बता दें कि योगी सरकार गंगा और यमुना जैसी नदियों में बाढ़ आने से होने वाले नुकसान को कम करने की कोशिश कर रही है. इसीलिए सरकारका बाढ़ भूमि का स्पष्ट सीमांकन केवल प्रशासनिक औपचारिकता नहीं है, बल्कि भविष्य की आपदाओं से बचाव की रणनीति भी है. बता दें कि फ्लड प्लेन पर अतिक्रमण से नदियों की प्राकृतिक फैलाव क्षमता में कमी आती है जिससे बाढ़ की तीव्रता बढ़ जाती है.
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विशेषज्ञों की मानें तो अगर ये योजना समय पर और प्रभावी ढंग से लागू होती है, तो राज्य में गंगा-यमुना घाटी के कई बाढ़ प्रवण जिलों में इससे रोकथाम की जा सकती है. इस योजना के तहत राज्य में यमुना नदी के किनारे 17 जिलों में कुल 21,582 पिलर लगाए जाएंगे. आयोग से अंतिम मंजूरी मिलन के तुरंत बाद इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा. जिसे पूरा करने का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक का रखा गया है.
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