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यूपी कैबिनेट का फैसला, अब 40 लाख तक की जमीन दे सकेंगे डीएम और कमिश्नर

यूपी की योगी सरकार ने ग्राम सभा की आरक्षित श्रेणी की भूमि के पुनग्रर्हण, श्रेणी परिवर्तन व विनिमय की अपनी शक्तियां जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को हस्तांतरित करने का फैसला किया है. इससे विकास से जुड़े सरकारी प्रोजेक्ट के लिए जमीन की व्यवस्था में तेज

Updated on: 01 Jul 2020, 10:17 AM

नई दिल्ली:

यूपी की योगी सरकार ने ग्राम सभा की आरक्षित श्रेणी की भूमि के पुनग्रर्हण, श्रेणी परिवर्तन व विनिमय की अपनी शक्तियां जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को हस्तांतरित करने का फैसला किया है. इससे विकास से जुड़े सरकारी प्रोजेक्ट के लिए जमीन की व्यवस्था में तेजी आएगी. सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन यह निर्णय किया है. ग्राम सभा की अनारक्षित श्रेणी में नवीन परती, बंजर व ऊसर जमीन का पुनग्रर्हण यदि प्रदेश सरकार के सेवारत विभाग के लिए किया जाना है तो यह अधिकार पहले ही जिलाधिकारी को सौंपा जा चुका है. 

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अब सेवारत विभागों के लिए यदि सुरक्षित श्रेणी के चारागाह, कब्रिस्तान, खलिहान, चकरोड़, तालाब व आबादी स्थल के पुनग्रर्हण की भी जरूरत होगी तो यह कार्रवाई भी जिलाधिकारी करेंगे. सरकार ने अपना यह अधिकार भी डीएम को हस्तांतरित कर दिया है. इसी तरह, ग्राम सभा की अनारक्षित श्रेणी में नवीन परती, बंजर व ऊसर जमीन का पुनग्रर्हण यदि राज्य सरकार के वाणिज्यिक विभागों व केंद्र सरकार के विभागों के लिए किया जाना है तो 40 लाख मूल्य तक जिलाधिकारी व 40 लाख से अधिक मूल्य के लिए कमिश्नर को पहले ही अधिकृत किया जा चुका है. 

अब यदि आरक्षित श्रेणी के चारागाह, कब्रिस्तान, खलिहान, चकरोड, तालाब व आबादी स्थल आदि के पुनग्रर्हण की जरूरत होगी तो 40 लाख मूल्य तक जिलाधिकारी और 40 लाख से अधिक मूल्य का मंडलायुक्त करेंगे. सरकार ने प्रदेश सरकार के वाणिज्यिक विभागों व केंद्र सरकार के विभागों के लिए आरक्षित श्रेणी की भूमि के पुनग्रर्हण का अपना अधिकार भी हस्तांरति कर दिया है. आरक्षित श्रेणी की भूमि के श्रेणी परिवर्तन व विनियम की शक्ति भी इसी मूल्य के हिसाब से जिलाधिकारियों व मंडलायुक्तों को दे दी गई है.