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UP Vaccination: यूपी में आधार की बाध्यता खत्म, योगी सरकार का वैक्सीनेशन पर यू-टर्न

उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर योगी सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है. अब यूपी में कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए किसी भी तरह के स्थाई निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी.

Updated on: 13 May 2021, 08:18 AM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन (UP Vaccination) को लेकर योगी सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है. अब यूपी में कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए किसी भी तरह के स्थाई निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी. 18 से 44 वर्ष के लोग अब वैक्सीनेशन के लिए राज्य में निवास करने का कोई भी डॉक्यूमेंट दिखा सकते हैं. यानि की अब प्रदेश में स्थायी और अस्थायी रूप से रहने वाले लोगों का भी टीकाकरण होगा. बता दें कि इससे पहले योगी सरकार ने सिर्फ यूपी में रहने वाले लोगों का वैक्सीनेशन लगाने का आदेश दिया था.

इस मामले पर नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर की तरफ से जारी पत्र में कहा गया था कि अधिक संख्या में दूसरे राज्यों के 18 से 44 वर्ष के लोगों ने वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. इसी वजह से प्रदेश के लोगों को वैक्सीन नहीं लग पा रही है. उन्होंने आगे कहा कि योगी सरकार ने यूपी के लोगों के लिए वैक्सीन खरीदी है. राज्य सरकार ने अपने पैसे से ये वैक्सीन ऑर्डर कर मंगाया है, इसलिए राज्य के लोगों को ही वैक्सीन लगाई जाएगी. किसी भी व्यक्ति को  वैक्सीनेशन लगाने से पहले ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वह यूपी का निवासी होना चाहिए.

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देश में कोरोना के हालात-

देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की कुल संख्या बुधवार को लगातार दूसरे दिन घटकर 37,04,099 हो गई. अब यह देश के कुल कोविड पॉजिटिव मामलों का 15.87 प्रतिशत है. पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामलों में 11,122 की गिरावट दर्ज की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 13 राज्य भारत के कुल सक्रिय मामलों में 82.51 प्रतिशत का हिस्सा हैं. ये राज्य हैं कर्नाटक (5,87,472), महाराष्ट्र (5,61,342), केरल (4,24,309), उत्तर प्रदेश (2,16,057), राजस्थान (2,05,730), आंध्र प्रदेश (1,95,102), तमिलनाडु ( 1,62,181), गुजरात (1,31,673), पश्चिम बंगाल (91,27,673), छत्तीसगढ़ (1,21,836), मध्य प्रदेश (1,11,366), हरियाणा (1,08,997) और बिहार (91,02,100) हैं.

देश की कुल रिकवरी बुधवार को 1,93,82,642 रही. पिछले 24 घंटों में 3,55,338 रिकवरी के साथ नेशनल रिकवरी रेट 83.04 प्रतिशत था.

दस राज्यों में नई रिकवरी का 71.58 प्रतिशत हिस्सा है. वे महाराष्ट्र (71,966), केरल (32,976), उत्तर प्रदेश (29,358), कर्नाटक (22,358), तमिलनाडु (19,182), पश्चिम बंगाल (18,994), हरियाणा (15,728), गुजरात (15,198), आंध्र प्रदेश (14,502) और बिहार (13,852) हैं.