आजादी के बाद पहली बार हुआ मुलायम के गांव में चुनाव, एक दलित बना प्रधान
1971 से मुलायम के दोस्त दर्शन सिंह यादव लगातार सैफई गांव के प्रधान निर्वाचित होते रहे. पिछले साल 17 अक्टूबर को उनके निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी. गांव में आजादी के बाद से पहली बार प्रधान पद के लिए चुनाव हुआ है. और इस चुनाव में दलित प्रत्याशी रामफल बाल्मीकि को जीत हासिल हुई.
highlights
- आजादी के बाद से पहली बार हुए चुनाव
- मुलायम के दोस्त निर्विरोध प्रधान बनते रहे
- सैफई में पहली बार दलित प्रधान बना
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चार चरणों में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election 2021) में वोटों की गिनती अभी जारी है. धीरे-धीरे नतीजे सामने आ रहे हैं. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के गांव सैफई (Saifai) के रिजल्ट भी सामने आ चुके हैं. मुलायम सिंह (Mulayam Singh Yadav) के गांव में पहली बार एक दलित को प्रधान चुना गया है. दलित प्रत्याशी रामफल बाल्मीकि (Ramfal Valmiki) को 3877 मत मिले, जबकि विनीता नामक महिला को मात्र 15 वोट मिले. 1971 से मुलायम के दोस्त दर्शन सिंह यादव लगातार सैफई गांव के प्रधान निर्वाचित होते रहे हैं.
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आजादी के बाद से पहली बार हुआ चुनाव
मुलायम सिंह के गांव में आजादी के बाद से पहली बार प्रधान पद के लिए चुनाव हुआ है. और इस चुनाव में दलित प्रत्याशी रामफल बाल्मीकि को जीत हासिल हुई. हालांकि रामफल को मुलायम परिवार का समर्थन मिला हुआ था. मुलायम परिवार के समर्थन का ही असर था कि रामफल के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली महिला को सिर्फ 15 वोट ही मिले तो वहीं रामफल को 3877 वोट मिले.
मुलायम के दोस्त बनते रहे हैं प्रधान
यूपी में पूरे इटावा की पहचान मुलायम सिंह और उनके परिवार के तौर पर होती है. सैफई में मुलायम सिंह यादव का इतना दबदबा है कि वे जो कुछ बोल देते हैं वहीं होता है. सैफई में इससे पहले प्रधान पद के लिए कभी चुनाव नहीं हुआ. हमेशा प्रधान पद का चुनाव निर्विरोध निर्वाचन के जरिए ही होता रहा है. 1971 से मुलायम सिंह यादव के दोस्त दर्शन सिंह यादव लगातार सैफई गांव के प्रधान निर्वाचित होते चले आए हैं. पिछले साल 17 अक्टूबर को उनके निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी. फिर सामान्य पंचायत चुनाव में सैफई गांव के प्रधान पद को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया.
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इटावा में अखिलेश के चचेरे भाई जीत की कगार पर
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव आसानी से एकतरफा जीत की तरफ बढ़ रहे हैं. अभिषेक यादव 3780 मतों से आगे चल रहे हैं. 10वें राउंड की मतगणना तक अभिषेक यादव को 4125 मत मिले हैं, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के राहुल यादव को 345 मत हासिल हुए हैं.
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