UP News: योगी सरकार का बड़ा निर्णय, गीता प्रेस को 10 एकड़ अतिरिक्त जमीन का आवंटन

UP News: प्रबंधन की मानें तो बीते कुछ वर्षों में गीता प्रेस की पुस्तकों की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. हिंदी, संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाली इन धार्मिक पुस्तकों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है.

UP News: प्रबंधन की मानें तो बीते कुछ वर्षों में गीता प्रेस की पुस्तकों की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. हिंदी, संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाली इन धार्मिक पुस्तकों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है.

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Yashodhan.Sharma
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CM Yogi Adityanath geeta press gorakhpur

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UP News: गोरखपुर के रेती रोड स्थित गीता प्रेस ने हाल ही में अपना सौवां स्थापना वर्ष पूरा किया है. पिछले एक शताब्दी में यह संस्थान न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में धार्मिक साहित्य के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है. हर वर्ष 3 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन करने वाला गीता प्रेस अब अपनी क्षमता को और बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. बढ़ती मांग और सीमित स्थान की समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से समाधान मिलने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गीडा क्षेत्र में गीता प्रेस को 10 एकड़ अतिरिक्त भूमि आवंटित करने वाले हैं, जिसके लिए सभी औपचारिकताएं लगभग पूरी हो चुकी हैं. 

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पुस्तकों की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि

प्रबंधन की मानें तो बीते कुछ वर्षों में गीता प्रेस की पुस्तकों की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. हिंदी, संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाली इन धार्मिक पुस्तकों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. इसके अनुरूप प्रकाशन क्षमता बढ़ाने के प्रयास भी किए गए, नई अत्याधुनिक मशीनें लगाई गईं और उत्पादन प्रक्रिया को तेज करने का प्रयास किया गया. लेकिन रेती रोड स्थित मौजूदा परिसर में जगह की कमी सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आई. इसी कारण से कई वर्षों से अतिरिक्त भूमि की मांग सरकार से की जा रही थी.

जमीन आवंटन से कितना होगा फायदा

गीता प्रेस के प्रबंधक लाल मणि तिवारी ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 10 एकड़ जमीन आवंटित किए जाने से संस्थान की बहुत बड़ी समस्या दूर हो जाएगी. जैसे ही भूमि का हस्तांतरण पूरा होगा, नए इन्फ्रास्ट्रक्चर की योजना लागू की जाएगी. आधुनिक तकनीक से लैस प्रिंटिंग मशीनें लगाई जाएंगी, जिससे प्रकाशन क्षमता बढ़ेगी और गुणवत्ता भी और बेहतर होगी. नई भूमि के विकास के बाद प्रबंधन का लक्ष्य है कि मांग के अनुरूप पुस्तकों का प्रकाशन पूर्ण रूप से किया जा सके.

वर्तमान में गीता प्रेस प्रतिदिन लगभग 10 हजार और वर्षभर में 3 करोड़ से अधिक पुस्तकें छापता है, लेकिन बढ़ती मांग की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत कम पुस्तकों का ही उत्पादन हो पाता है. अतिरिक्त भूमि मिलने के बाद यह कमी दूर हो जाएगी. हालांकि पुराना प्रेस परिसर पूर्व की तरह संचालित रहेगा और वहां भी पुस्तक प्रकाशन जारी रहेगा. कुल मिलाकर, यह विस्तार गीता प्रेस के आगामी वर्षों में और अधिक मजबूती से आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा.

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