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UP:मंत्री के भाई EWS कोटे के तहत प्रोफेसर नियुक्त, कांग्रेस ने कहा- आपदा में अवसर

पूरे मामले में सबसे ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि कुलपति सुरेंद्र दुबे का कार्यकाल 21 मई को समाप्त हो रहा था, लेकिन सरकार ने एक दिन पहले 20 मई को उनका कार्यकाल नियमित कुलपति की नियुक्ति तक बढ़ा दिया है.

Updated on: 23 May 2021, 05:21 PM

highlights

  • शिक्षामंत्री के भाई का EWS कोटे से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन
  • कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- यही है बीजेपी का आपदा में अवसर
  • शिक्षामंत्री ने कहा- नियुक्ति में कोई गड़बड़ी नहीं, जांच करवा सकते हैं

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के बुनियादी शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ नगर स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. अरुण द्विवेदी को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग कोटे से मनोविज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक साइकोलॉजी विषय के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के दो पद थे. डॉ हरेंद्र शर्मा को ओबीसी कोटे सेनियुक्त किया गया जबकि दूसरे पद पर डॉ अरुण कुमार द्विवेदी को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य उम्मीदवार) श्रेणी में नियुक्त किया गया है.

दिलचस्प बात यह है कि कुलपति सुरेंद्र दुबे का कार्यकाल 21 मई को समाप्त हो रहा था, लेकिन सरकार ने एक दिन पहले 20 मई को उनका कार्यकाल नियमित कुलपति की नियुक्ति तक बढ़ा दिया है. अरुण द्विवेदी को शुक्रवार को सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा नियुक्ति पत्र दिया गया. कुलपति डॉ सुरेंद्र दुबे ने कहा कि उन्हें लगभग 150 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 10 को मेरिट के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया गया था.

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कुलपति ने संवाददाताओं से कहा, दस उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था और अरुण द्विवेदी दूसरे स्थान पर थे. हमें मंत्री के साथ उनके संबंधों के बारे में जानकारी नहीं थी. इस बीच मंत्री से संपर्क करने की सारी कोशिशें नाकाम साबित हुईं मीडिया लगातार उनसे संपर्क करने की कोशिश करता रहा और उन्हें फोन करता रहा. उन्होंने फोन नहीं उठाया. इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट पर आरोप लगाया कि जहां हजारों शिक्षक अपनी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, दूसरी ओर, राज्य के शिक्षा मंत्री ने 'आपदा में अवसर' के तहत अपने भाई के लिए एक नौकरी का प्रबंधन किया.

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शिक्षा मंत्री ने दी सफाई
पहले तो शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र ने मीडिया से बचते फिरे लेकिन बाद में उन्होंने इन आरोपों निराधार करार दिया है. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा है कि चयन के लिए विश्वविद्यालय को जो प्रक्रिया करनी थी, उसमें उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया. EWS कोटे पर उन्होंने कहा कि उनके और भाई की आय में अंतर है. साथ ही मंत्री ने भी यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी को कुछ भी गलत लगता है तो वह जांच के लिए तैयार हैं.

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प्रियंका गांधी ने साधा निशाना
वहीं इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने हमला बोलते हुए कहा यही है आपदा में अवसर. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट पर आरोप लगाया कि जहां हजारों शिक्षक अपनी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, दूसरी ओर, राज्य के शिक्षा मंत्री ने ‘आपदा में अवसर’ के तहत अपने भाई के लिए एक नौकरी का प्रबंधन किया. उन्होंने इस घटना को समाज के गरीब और कमजोर वर्ग के साथ मजाक करार दिया. प्रियंका ने यह भी पूछा कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मामले का संज्ञान लेंगे और कार्रवाई करेंगे.