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CM Yogi on old age pensions
UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने बुजुर्गों को बिना दफ्तरों के चक्कर लगाए पेंशन उपलब्ध कराने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अब फैमिली आईडी ‘एक परिवार एक पहचान’ में मौजूद जानकारी के आधार पर समाज कल्याण विभाग स्वयं ही पात्र वरिष्ठ नागरिकों की पहचान करेगा. जिस माह कोई नागरिक 60 वर्ष की आयु पूरी करेगा, उसी माह से उसकी वृद्धावस्था पेंशन स्वतः शुरू हो जाएगी. योगी कैबिनेट ने इस नई व्यवस्था को मंजूरी दे दी है. इसके लागू होने से राज्य के लगभग सवा आठ लाख अतिरिक्त बुजुर्गों को लाभ मिलेगा और सरकार को करीब 990 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना होगा.
वर्तमान में कितने बुजुर्ग पा रहे पेंशन
कैबिनेट बैठक के बाद समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 67.50 लाख बुजुर्ग पेंशन पा रहे हैं, लेकिन कई पात्र नागरिक आवेदन प्रक्रिया पूरी न कर पाने की वजह से वंचित रह जाते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए फैमिली आईडी प्रणाली का उपयोग किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है, ताकि हर पात्र बुजुर्ग को समय पर पेंशन उपलब्ध हो सके.
ऐसे मिलेगी पेंशन
फैमिली आईडी से चिन्हित पात्र नागरिकों का डेटा समाज कल्याण विभाग के पेंशन पोर्टल पर एपीआई के जरिए भेजा जाएगा. इनमें वे लोग शामिल होंगे, जिनकी आयु अगले 90 दिनों में 60 वर्ष होने वाली है. विभाग पहले डिजिटल माध्यम जैसे एसएमएस, व्हाट्सएप या फोन कॉल से उनसे सहमति प्राप्त करने का प्रयास करेगा. फिर नागरिक स्वयं, ग्राम पंचायत सहायक या कॉमन सर्विस सेंटर की मदद से पोर्टल पर जाकर अपनी सहमति और बायोमेट्रिक सत्यापन करा सकेंगे. जरूरत पड़ने पर कॉमन सर्विस सेंटर डोर-टू-डोर सेवा भी देगा. यदि किसी बुजुर्ग से डिजिटल माध्यम से सहमति न मिले, तो विभागीय कर्मचारी व्यक्तिगत रूप से संपर्क करेंगे.
15 दिनों के अंदर स्वीकृति जारी
सहमति और बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद 15 दिनों के भीतर योजना अधिकारी डिजिटल सिग्नेचर के साथ स्वीकृति जारी करेंगे और लाभार्थी को डाक द्वारा पत्र भेजा जाएगा. पेंशन सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में जाएगी और हर भुगतान का एसएमएस अलर्ट मिलेगा. लाभार्थियों के लिए एक मोबाइल ऐप भी उपलब्ध होगा, जिसमें पेंशन विवरण पासबुक की तरह देखा जा सकेगा.
डेटा विश्लेषण के आधार पर यदि किसी लाभार्थी पर संदेह हो जैसे आयकर दाता होना तो पेंशन अस्थायी तौर पर रोकी जा सकती है. मृत्यु, अधिक आय, या वार्षिक जीवित प्रमाणपत्र न मिलने जैसी स्थितियों में पेंशन बंद की जाएगी. विभाग पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए डेटा विश्लेषण, गुणवत्ता नियंत्रण और शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करेगा.
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