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CM Yogi Photograph: (social)
UP News: उत्तर प्रदेश की नगरपालिकाएं अब स्मार्ट सिटी की तर्ज पर आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ में नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी जिला मुख्यालयों की नगरपालिकाओं को तकनीकी रूप से मजबूत, आत्मनिर्भर और नागरिक-केंद्रित बनाया जाए. उन्होंने कहा कि नगर पालिकाएं केवल साफ-सफाई तक सीमित न रहें, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा करने के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराएं.
मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएं
सरकार की महत्वाकांक्षी "स्मार्ट-विकसित नगर पालिका योजना" के तहत नगर निकायों को कई नई सुविधाएं मिलेंगी. इनमें गौरव पथ का निर्माण, महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट, शहरी सुविधा केंद्र, स्मार्ट क्लासरूम, उन्नत आंगनबाड़ी, थीम पार्क, ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण और जलाशयों का पुनर्जीवन शामिल है. इसके साथ ही ईवी चार्जिंग स्टेशन, ग्रीन क्रेमेटोरियम और डिजिटल सेवाओं के विस्तार पर भी जोर दिया जाएगा.
ODOP और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
सीएम योगी ने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना को नगरपालिकाओं से जोड़कर स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यापार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे. इसके लिए सामुदायिक केंद्र और उत्सव भवन भी विकसित किए जाएंगे.
PPP मॉडल से होगी परियोजनाओं की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि परियोजनाओं को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर तेजी से लागू किया जाए. उन्होंने 74वें संविधान संशोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि नगर निकायों को वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों में और अधिक मजबूती दी जानी चाहिए. इसी क्रम में लखनऊ में शहीद चंद्रशेखर आजाद अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज और एक बहुउद्देश्यीय खेल परिसर का निर्माण भी PPP मॉडल पर कराया जाएगा.
निगरानी के लिए हब एंड स्पोक मॉडल
सीएम योगी ने कहा कि नगरपालिकाओं की सेवाओं को हब एंड स्पोक मॉडल के तहत लखनऊ और गोरखपुर के एकीकृत कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाए. इससे सुरक्षा, निगरानी और शिकायत निवारण की व्यवस्था और बेहतर होगी.
ई-बसों को मिलेगा बढ़ावा
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि लखनऊ और कानपुर में 200 इलेक्ट्रिक बसें नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मोड पर चलाई जाएंगी. वहीं अन्य शहरों में 650 ई-बसों की प्रत्यक्ष खरीद की योजना है. मुख्यमंत्री ने इसके लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को जल्द से जल्द तैयार करने पर जोर दिया.
नगर निकायों को अनुदान
सरकार ने निर्णय लिया है कि नगर निकायों की जनसंख्या और कार्यकुशलता के आधार पर उन्हें 4 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा. इससे स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों में तेजी आएगी और नागरिकों को सुविधाएं बेहतर तरीके से मिल सकेंगी.
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