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लखनऊ के अस्पताल ने महिला को किया मृत घोषित, परिवार का दावा जीवित थी महिला

53 वर्षीय महिला को प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान द्वारा मृत घोषित कर दिया गया था. लेकिन उसके शव को घर ले जाया गया तब पता चला कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.

Updated on: 03 May 2021, 12:59 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की राजधानी से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक 53 वर्षीय महिला को प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान द्वारा मृत घोषित कर दिया गया था. लेकिन उसके शव को घर ले जाया गया तब पता चला कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. घटना रविवार को हुई जब डॉक्टरों ने समय से पहले उसे मृत घोषित कर दिया और लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटा दिया गया. इंदिरानगर में रहने वाले परिवार द्वारा शूट किया गया एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें मरीज को घर पर एक ऑक्सीजन सांद्रता में देखा गया था और परिजन उसकी सांस लेने में मदद करने की कोशिश कर रहे थे. 

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परिजन सामान्य रीडिंग के साथ मरीज की उंगली पर एक पल्स ऑक्सीमीटर भी दिखा सकते हैं और दावा कर सकते हैं कि वह अभी भी जीवित थी. मरीज के बेटे सुनील कुमार ने कहा, "मेरी मां, जिनका पिछले तीन दिनों से अस्पताल में इलाज चल रहा था, उनकी रविवार को मौत हो गई थी. हम उन्हें घर ले आए, लेकिन यह देखते हुए कि उनका दिल अभी धड़क रहा था, हमने उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा लेकिन जब तक हम उन्हें निजी अस्पताल तक ले जा पाते, तब तक उनकी मौत हो गई."

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आरोप से इनकार करते हुए, अस्पताल के प्रवक्ता ने मरीज की ईसीजी रिपोर्ट पेश की जिसमें कार्डियक फ्लैटलाइन को सबूत के रूप में दिखाया गया था कि वह अस्पताल में मर गई और बाद में उसे छुट्टी दे दी गई. "सभी आवश्यक उपचार दिए गए थे, लेकिन उनकी मृत्यु कार्डियक अरेस्ट से हुई." राज्य में कोरोना के कहर पर काबू पाने के लिए शुक्रवार शाम से मंगलवार सुबह तक सख्त लॉकडाउन (Strict Lockdown In UP) लगाया गया था. जिसे अब गुरुवार सुबह तक के लिए बढ़ा दिया गया है. संक्रमण को रोकने के लिए योगी सरकार ने पाबंदियों को दो दिन यानी गुरुवार सुबह 7 बजे तक के लिए और बढ़ा दिया है. इस दौरान आवश्यक सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सरकार की ओर से कोरोना पर काबू पाने के लिए सख्ती बढ़ाई जा रही है.