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UP Government Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को विकास पथ पर आगे बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाओं का संचालन कर रही है. इसी कड़ी में योगी सरकार ने "वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी" और वर्ष 2047 तक प्रदेश को एक विकसित राज्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में टेक्सटाइल सेक्टर को राज्य की विकास योजनाओं में विशेष प्राथमिकता दी जा रही है. माना जा रहा है कि इस सेक्टर में निवेश के साथ ही प्रदेस में लाखों रोजगार का सृजन होगा. पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उद्योग की समृद्ध विरासत को वैश्विक पहचान दिलाने का यह एक सुनियोजित प्रयास है.
टेक्सटाइल पार्क की स्थापना की तैयारी
प्रदेश में टेक्सटाइल सेक्टर में निजी निवेशकों की रुचि को देखते हुए सरकार ने विभिन्न जिलों में टेक्सटाइल पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है. ये पार्क पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत बनाए जाएंगे, जिसमें नोडल एजेंसियों की भी भूमिका सुनिश्चित की जाएगी. सरकार इन पार्कों को सड़क, बिजली, जलापूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर प्रदान करेगी.
निवेश प्रस्तावों की बढ़ती संख्या
राज्य सरकार के निवेश सारथी पोर्टल पर अब तक टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर से जुड़े 659 प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं. इन निवेश प्रस्तावों के लिए करीब 1,642 एकड़ भूमि की आवश्यकता बताई गई है, जिनका अनुमानित निवेश मूल्य 15,431 करोड़ रुपये है. इस निवेश से राज्य में 1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है.
22 लाख लोगों को रोजगार
योगी सरकार के निवेश के साथ ही इस क्षेत्र में लगातार रोजगार का सृजन हो रहा है. बीते 2023-24 में ही देश में साढ़े तीन अरब डॉलर का निर्यात किया गया है. इसमें कुल वस्त्र और परिधान का करीब 10 फीसदी शामिल था. वहीं यूपी की बात करें तो प्रदेश की जीडीपी का 1.5 फीसद योगदान शामिल है. इसे प्रत्यक्ष रोजगार के तौर पर देखें तो उत्तर प्रदेश में 22 लाख लोगों को रोजगार मिला है. आगे भी इसके तहत लाखों रोजगार सृजित होंगे.
युवाओं के लिए कौशल विकास होगा प्राथमिकता
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को युवाओं के कौशल विकास और रोजगार सृजन से सीधे जोड़ने की बात कही. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निवेश प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और जमीन की पहचान शीघ्र की जाए. इन टेक्सटाइल पार्कों में कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) के साथ-साथ बटन, ज़िप, लेबल, पैकेजिंग और वेयरहाउस जैसी सहायक इकाइयों की भी स्थापना की जाएगी.
संत कबीर के नाम पर होगी योजना समर्पित
मुख्यमंत्री योगी ने इस योजना को महान संत कबीर को समर्पित करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि संत कबीर का जीवन दर्शन श्रम, सादगी और आत्मनिर्भरता पर आधारित था, और यही मूल्य इस योजना की नींव बनेंगे.
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