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Kanya Sumangala scheme: उत्तर प्रदेश सरकार ने बेटियों की शिक्षा और परवरिश को आर्थिक मजबूती देने के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की है. इस योजना का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक कारणों से किसी भी बेटी की पढ़ाई न रुके. बेटी के जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक सरकार चरणबद्ध आर्थिक सहायता देकर परिवारों का बोझ कम करती है और बेटियों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर देती है.
छह चरणों में मिलती है आर्थिक मदद
कन्या सुमंगला योजना के तहत कुल 25,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है, जो एकमुश्त नहीं बल्कि छह अलग-अलग चरणों में प्रदान की जाती है. यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि बेटी की उम्र और शिक्षा के हर महत्वपूर्ण पड़ाव पर परिवार को सहयोग मिलता रहे.
हर पड़ाव पर मिलने वाली राशि
बेटी के जन्म के समय माता-पिता को 5,000 रुपये की सहायता दी जाती है, जिससे शुरुआती देखभाल और जरूरतें पूरी हो सकें. इसके बाद जब बच्ची एक वर्ष की उम्र तक सभी जरूरी टीकाकरण पूरे कर लेती है, तो 2,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता मिलती है.
कक्षा 1 में प्रवेश लेने पर बेटी को 3,000 रुपये दिए जाते हैं, ताकि किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य जरूरी सामान खरीदे जा सकें. कक्षा 6 में पहुंचने पर फिर 3,000 रुपये मिलते हैं, जिससे मिडिल स्कूल की जरूरतें पूरी होती हैं.
कक्षा 9 में प्रवेश के समय सरकार 5,000 रुपये देती है, क्योंकि इस स्तर पर पढ़ाई का खर्च बढ़ने लगता है. इसके बाद यदि बेटी 10वीं या 12वीं पास कर ग्रेजुएशन या डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेती है, तो उसे 7,000 रुपये की सहायता दी जाती है. इस तरह कुल 25,000 रुपये बेटी की पढ़ाई को निरंतर सहारा देते हैं.
कौन उठा सकता है योजना का लाभ
इस योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलता है जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम है. एक परिवार की अधिकतम दो बेटियां इस योजना में शामिल हो सकती हैं. हालांकि, यदि परिवार में तीन बेटियां हों और उनमें से दो जुड़वा हों, तो तीनों को योजना का लाभ दिया जाता है.
आवेदन की आसान प्रक्रिया
कन्या सुमंगला योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है. जिन परिवारों के पास इंटरनेट या स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है, वे कॉमन सर्विस सेंटर, महिला कल्याण विभाग या जिला प्रोबेशन कार्यालय की मदद से भी आवेदन कर सकते हैं.
बेटियों को मिलेगी नई पहचान
यह योजना सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि बेटियों के आत्मसम्मान और भविष्य को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. कन्या सुमंगला योजना हजारों परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बन चुकी है और यह संदेश देती है कि बेटियां बोझ नहीं, बल्कि समाज और देश की असली ताकत हैं.
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