कांवड़ यात्रा से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा फैसला लिया है. उन्होंने यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने और श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि यात्रा मार्ग पर मांस की खुली बिक्री न हो और दुकानदार अपने प्रतिष्ठानों पर अपना असली नाम लिखे.
यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से सुनिश्चित की जाए
सीएम योगी ने असामाजिक तत्वों के छद्म रूप में शामिल होने की आशंका जताई. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु कांवड़ यात्रा में शामिल होंगे. इसलिए यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए. यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से सुनिश्चित की जानी चाहिए.
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क्यों बंद रहनी चाहिए मीट की दुकानें
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि कांवड़ यात्रा हिंदू धार्मिक यात्रा है. इस तरह के आयोजनों के दौरान, दुकानों में दुकानदार का असली नाम लिखने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. यात्रा एक धार्मिक यात्रा है. इसलिए मीट की दुकानों को बंद करना जरूरी है.
विपक्ष ने किया पलटवार
सीएम योगी के फैसले पर विपक्ष ने पलटवार किया है. एक मुस्लिम विपक्षी नेता ने प्रतिबंधों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा अगर सभी दुकानें बंद हो गईं तो अपने परिवार का भरण करने वाले लोग जिंदा कैसे रहेंगे. उन्होंने कहा कि अगर नाम लिखना है तो हर किसी पर समान रूप से ये फैसला लागू होना चाहिए न कि सिर्फ विशेष समुदाय के लोगों को लक्षित किया जाए.
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सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांवड़ यात्रियों को निश्चित रूप से सुरक्षा और सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए. हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार को ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों को ध्यान रखना चाहिए. योगी आदित्यनाथ एक अनुभवी मुख्यमंत्री है. आठ वर्षों से वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. उन्हें निश्चित रूप से पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है.