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CM Yogi Photograph: (Social)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली से ठीक पहले प्रदेश के कुम्हारों के लिए एक महत्वपूर्ण उपहार की घोषणा की है. मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए कुम्हारों को अब जमीन का पट्टा लेने के लिए किसी तरह का आवेदन नहीं करना होगा. प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार अब कुम्हारों को बिना आवेदन किए ही तालाब या जमीन का पट्टा दे दिया जाएगा. वहां से कुम्हार खुदाई करके अपनी जरूरत की मिट्टी निकाल सकेंगे.
मिट्टी निकालने का पट्टा दे दिया जाएगा
इसके साथ ही मिट्टी कला बोर्ड के गठन से भी प्रदेश में रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा, जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. इस योजना के तहत जिस गांव में एक भी कुम्हार या कारीगर मिट्टी की कला को आगे बढ़ाने के काम में जुटा होगा, यानी कि मिट्टी के बर्तन या अन्य वस्तुओं का मिट्टी से निर्माण कर रहा होगा, वहां उन्हें बिना आवेदन किए ही तालाब या जमीन में खुदाई करके मिट्टी निकालने का पट्टा दे दिया जाएगा. इस संबंध में शासनादेश जारी किया जा चुका है और संबंधित आदेश सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को भेजा जा चुका है.
अब मिट्टी की कमी नहीं रहेगी
इसके तहत जिस गांव में कुम्हारों की संख्या कम से कम एक है, और जहां कुम्हार मिट्टी की कला को जीवित रखने के काम में लगे हुए हैं, वहां उन्हें खुदाई करके जरूरत की मिट्टी निकालने के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाए. इस आदेश के अनुसार इस बात की बाध्यता नहीं रहेगी कि कुम्हार पहले जमीन के पट्टे के लिए आवेदन करे. इससे मिट्टी से बर्तन व अन्य वस्तुएं बनाने वाले कुम्हारों को अब मिट्टी की कमी नहीं रहेगी और मिट्टी से बर्तन आदि बनाने की कला भी जीवित रहेगी और फलेगी-फूलेगी.
माटी कला बोर्ड ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पिछले वर्ष सरकार को भेजा था, जिस पर सरकार ने इसी महीने 9 अक्टूबर को स्वीकृति दे दी. उत्तर प्रदेश के 97,941 गांवों में इस व्यवस्था को लागू किया जा चुका है, जिससे प्रदेश में माटी कला को बढ़ावा मिलेगा.
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