उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी सरगर्मी तेज होती जा रही है. राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. चुनाव से पहले राजनीतिक दल आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे हैं. मौजूदा विधानसभा में 300 से भी ज्यादा सीटों पर काबिज बीजेपी 2022 में 350 से भी ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है. इस दावे को लेकर बीजेपी के सभी नेता विश्वास से लबरेज़ भी नज़र आते हैं. रविवार को सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री ने भी यही दावा एक बार फिर दोहराया.
विपक्षी दल भी उत्तर प्रदेश में 300 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं. मुख्य विपक्षी दल ने तो प्रदेश में 400 सीटें जीतने का दावा कर दिया है. हालांकि उत्तर प्रदेश में विधानसभा की सीटें सिर्फ 403 हैं और राजनीतिक दल 350 और 400 से ज्यादा सीटें जीत जीतने का दावा कर रहे हैं. जाहिर है ये दावा सच से दूर और चुनाव से पहले सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने और विरोधी दलों पर दबाव बनाने के लिए किए जा रहे हैं.
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ओवैसी भी दिखा रहे दम
उत्तर प्रदेश के चुनाव में इस बार एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी भी दम दिखा रहे हैं. मुख्तार अंसारी को मनचाही सीट से चुनाव लड़ने का वह पहले ही ऑफर दे रहे हैं. माना जा रहा है कि ओवैसी भले ही ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज ना कर पाएं लेकिन वह वोटों के ध्रुवीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
सीएम योगी ने सरकार के साढ़े चार साल पूरा होने पर कहा कि सुरक्षा और सुशासन की दृष्टि से यूपी जैसे राज्य में 4.5 साल का कार्यकाल पूरा करना बहुत महत्वपूर्ण है. देश में राज्य की धारणा बदली है. ये वही यूपी है जहां पहले दंगे का चलन हुआ करता था. लेकिन पिछले 4.5 साल में कोई दंगा नहीं हुआ.ये वही यूपी है जहां माफिया सत्ता के करीब रहते थे. अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की गई. अपराधियों के अवैध निर्माण को भी गिराया गया. सीएम ने आगे कहा, 'देश और दुनिया का हर उद्योगपति आज उत्तर प्रदेश में निवेश करने को तैयार है। 3 लाख करोड़ से अधिक का निवेश उत्तर प्रदेश में हुआ है. पिछले 4.5 सालों में कोई भी आरोप नहीं लगा सकता है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग में कोई लेनदेन हुआ हो.'