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Photograph: (ANI)
Unnao Rape Case:उन्नाव रेप केस को लेकर एक बार फिर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. इस मामले में दोषी ठहराए गए भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मिली राहत अब सुप्रीम कोर्ट की जांच के दायरे में आ गई है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित किए जाने के फैसले को चुनौती दी है. इस याचिका पर कल यानी 29 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ इस संवेदनशील मामले की सुनवाई करेगी.
Unnao rape case: SC to hear CBI's plea challenging suspension of Kuldeep Sengar's life sentence on Dec 29
— ANI Digital (@ani_digital) December 27, 2025
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दिल्ली हाई कोर्ट ने क्यों की सजा निलंबित?
दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर 2025 को कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को उनकी अपील लंबित रहने तक सस्पेंड कर दिया था. अदालत का तर्क था कि सेंगर पहले ही सात साल और पांच महीने से अधिक समय जेल में बिता चुके हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में उन्हें ‘पब्लिक सर्वेंट’ की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, इसलिए POCSO कानून के सख्त प्रावधान लागू नहीं होते.
हालांकि, हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद देशभर में विरोध शुरू हो गया. सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना और कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया. दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान दोनों नेताओं समेत कई लोगों को हिरासत में भी लिया.
#WATCH | Delhi | 2017 Unnao rape case | Women activist Yogita Bhayana says, "This is an injustice with all the victims in the country... Whatever happened to the girl from Unnao is not acceptable... We want to register our presence in the Parliament for this issue... A BJP person… pic.twitter.com/pLY6jVCqii
— ANI (@ANI) December 27, 2025
CBI ने HC के फैसले पर जताई आपत्ति
CBI ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में हाई कोर्ट के फैसले को कानून के खिलाफ और त्रुटिपूर्ण बताया है. एजेंसी का कहना है कि अदालत ने POCSO कानून की व्याख्या करते समय पीड़िता के अधिकारों और सुरक्षा को पर्याप्त महत्व नहीं दिया. CBI ने यह भी आशंका जताई है कि सेंगर के प्रभाव और रसूख को देखते हुए पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा को खतरा हो सकता है.
जेल से बाहर नहीं आ पाएगा सेंगर
एक अहम बात यह है कि रेप केस में सजा निलंबित होने के बावजूद कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएगा. वह पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में 10 साल की सजा काट रहा है और उस केस में उसे अब तक जमानत नहीं मिली है.
गौरतलब है कि कुलदीप सेंगर ने 2019 में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह फैसला न सिर्फ इस केस बल्कि न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता के लिहाज से भी बेहद अहम माना जा रहा है.
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