5 साल की बच्ची को बनाया था निवाला, वन विभाग ने दो तेंदुओं को पकड़र जंगल में छोड़ा

तेंदुआ अभी कुछ ही दिन पहले बहराइच जिले के कतर्नियाघाट अभयारण्य से सटे रिहाइशी इलाके से एक पांच साल की बच्ची को उठाकर ले गया था.

तेंदुआ अभी कुछ ही दिन पहले बहराइच जिले के कतर्नियाघाट अभयारण्य से सटे रिहाइशी इलाके से एक पांच साल की बच्ची को उठाकर ले गया था.

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Sunil Chaurasia
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सांकेतिक तस्वीर( Photo Credit : wikipedia)

बहराइच जिले के कतर्नियाघाट अभयारण्य से सटे रिहाइशी इलाके से एक पांच साल की बच्ची को उठा लेने वाले तेंदुए को वन विभाग ने पकड़ कर दूर घने जंगलों में छोड़ दिया है. दोनों तेंदुआ जंगल से सटे गांवों में आतंक का सबब बने हुए थे. प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी यशवंत सिंह ने रविवार को बताया कि शनिवार को गोलहना गांव में विशेषज्ञों की देखरेख में एक वयस्क मादा तेंदुए को पिंजड़े में कैद करने में सफलता प्राप्त हुई है.

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उन्होंने बताया कि इससे पूर्व 21 नवम्बर की रात भी एक खतरनाक तेंदुए को वन विभाग ने पकड़ा था. ये तेंदुए जंगल से सटे रिहाइशी इलाकों में देखे जा रहे थे जिससे ग्रामीण दहशतजदा थे. सिंह ने बताया कि विशेषज्ञों की जांच के मुताबिक पकड़े गये तेंदुए आदमखोर नहीं हैं, इस कारण उन्हें घटनास्थल से दूर कतर्नियाघाट अभयारण्य अंतर्गत ट्रांस गेरूआ इलाके के घने जंगलों में छोड़ा गया है. डीएफओ ने बताया कि तेंदुओं की निगरानी के लिए वन विभाग ने थर्मो सेंसर कैमरे लगाए थे.

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कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार के मुर्तिहा रेंज अंतर्गत गोलहना गांव में 20 नवंबर को अपनी दादी की गोद में खाना खा रही पांच साल की मासूम श्रेया को एक खतरनाक तेंदुआ उठा ले गया था. दूसरे दिन सुबह श्रेया का क्षत विक्षत शव जंगल में बरामद हुआ था. घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने एक वन कर्मी को बंधक बनाकर वन कर्मियों से मारपीट की थी और वन विभाग के वाहनों में तोड़ फोड़ की थी. पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुँचकर वन कर्मियों की आक्रोशित ग्रामीणों से जान बचाई थी.

Source : Bhasha

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