logo-image

Supertech Twin Towers : ट्विन टावर के गिरने से उड़े धुंआ और धूल से फैला वायु प्रदूषण

बिल्डिंग को ध्वस्त किए जाने के बाद आसमान में उड़ने वाला धुंआ हवा की गुणवत्ता को खराब कर सकता है.

Updated on: 28 Aug 2022, 06:41 PM

नोएडा:

नोएडा का ट्विन टावर रविवार को दोपहर को ध्वस्त कर दिया गया. इस तरह से एक गैरकानूनी और नियमों की धज्जियां उड़ाकर बना निर्माण ढह गया. टावर को धव्स्त करने में करीब  3700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया. जिससे  32 और 30 मंजिला दो टावर जमीन पर आ गए. अब टावर के आस-पास मलबा ही मलब है. टावर के ध्वस्त होने से एक तो मलबे को ठिकाने लगाने की समस्या है, वहीं दूसरी तरफ टावर को ध्वस्त करते समय उड़े धूल से आसपास का माहौल काफी खराब हो गया है. फायर ब्रिगेड पानी का छिड़ाकव करके धूल को कम करने की कोशिश कर रहा है. अब सबके मन में सवाल यह है कि ट्विन टावर गिरने से पर्यावरण को कितना नुक्सान हुआ?  
 
नोएडा में जहां ट्विन टावर था वहां अब असली चुनौती धूल के गुबार से निपटने की है. और हजारों टन मलबे को हटाने की भी है. टावर को गिराए जाने से भारी मात्रा में उड़े धूल और मिट्टी ने प्रदूषण फैला रही है. आस-पास रहने वाले लोगों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. धूल-मिट्टी एक दिन नहीं  बल्कि इससे पैदा हुआ वायु प्रदूषण कई दिनों तक लोगों को परेशान करेगा. इसका असर पूरे दिल्ली और एनसीआर में देखने को मिलेगा और प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है.

यह भी पढ़ें: 9 साल से 9 सेकंड: 'Controlled Explosion' से धूल में मिला ट्विन टावर, जानिए क्यों और कैसे हुआ

बिल्डिंग को ध्वस्त किए जाने के बाद आसमान में उड़ने वाला धुंआ हवा की गुणवत्ता को खराब कर सकता है. माना जा रहा है कि इसकी वजह से पीएम10 कई दिनों तक बढ़ा रहेगा. पीएम 2-5 भी प्रभावित होगा. विशेषज्ञों के मुताबिक धूल, धुंआ और वायु प्रदूषण से लोगों की आंख में खुजली हो सकती है, नाक में भी खुजली हो सकती है. दमा के मरीज को ज्यादा दिक्कत होगी.