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सुपरटेक ट्विन टॉवर के जिम्मेदार इन अधिकारियों पर उठी कार्रवाई की मांग, आप भी जान लें नाम

कुतुब मीनार से भी ऊंचे भ्रष्टाचार की नींव पर बने ट्विन टॉवर को ध्वस्त कर ये मेसेज दिया गया है कि साठगांठ कर इस तरह के निर्माण करने वाले पहले ट्विन टॉवर के हश्र के बारे में सोच लें. और जो भी निर्माण है उसे नियमों के तहत ही करे...

Updated on: 30 Aug 2022, 02:47 PM

highlights

  • 24 आरोपितों में से 20 हो चुके हैं रिटायर
  • बाकी अधिकारी बड़े पदों पर तैनात
  • कार्रवाई की जद में आने से बचने की कोशिश में आरोपित

नोएडा:

कुतुब मीनार से भी ऊंचे भ्रष्टाचार की नींव पर बने ट्विन टॉवर को ध्वस्त कर ये मेसेज दिया गया है कि साठगांठ कर इस तरह के निर्माण करने वाले पहले ट्विन टॉवर के हश्र के बारे में सोच लें. और जो भी निर्माण है उसे नियमों के तहत ही करे. अब दोनो टॉवर के ध्वस्त होने के बाद स्थानीय लोग उन अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे है, जो अधिकारी इन टॉवर के निर्माण में परमिशन देते रहे. लगातार RWA की शिकायतों को नज़र अंदाज़ भी किया गया. इसके बाद मामला हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. लोगों का कहना है कि अगर प्राधिकरण के तत्कालीन संबंधित अधिकारी शिकायतों का संज्ञान लेते तो निर्माण इतना बड़ा नहीं हो पाता. इसे पहले ही रोका जा सकता था. अब स्थानीय लोगों का कहना है इस मामले में लिप्त अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए

ये अधिकारी रहे संलिप्त

सुप्रीम कोर्ट द्वारा जब दोनों टॉवर को ध्वस्त करने और इन टॉवर में फ्लैट खरीदने वाले  करीब 633 लोगो को 12 फीसदी ब्याज के साथ पैसा वापस करने का आदेश दिया था. इसके बाद यूपी सरकार ने सख्त आदेश देते हुए SIT का गठन किया गया था जिसमे जिमेदार तत्कालीन अधिकारियों की जिम्मेदारी की जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए गए थे. इसके बाद प्राधिकरण के दो दर्जन अधिकारियों की भूमिका संलिप्त पाई गई. इन अधिकारियों पर FIR दर्ज की गई है. इसके साथ ही बिल्डर कंपनी के 4 डायरेक्टर और दमकल विभाग के 4 FSO पर भी मुकदमा दर्ज हुआ है.

इस प्रकरण में लिप्त अधिकारियों के नाम भी जान लीजिए

तत्कालीन CEO मोहिंदर सिंह रिटायर्ड हो चुके है. एस के द्विवेदी तत्कालीन CEO रिटायर हो चुके है. यश पाल सिंह ACEO रिटायर हो चुके हैं. प्लानिग विभाग में तैनात मेराजुद्दीन रिटायर्ड हो चुके है । ऋतुराज सहायुक्त नगर नियोजन इस वक्त यमुना अथॉरिटी में महा प्रबंधक के पद पर तैनात है. एसके मिश्रा नगर नियोजन अब रिटायर हो चुके हैम. राजपाल कौशिक वरिष्ठ नगर नियोजन रिटायर्ड हो चुके है. त्रिभुवन सिंह मुख्य वास्तुविद नियोजक अब रिटायर हो चुके है. शेलेंदर केरे उप महाप्रबंधक ग्रुप हाउसिंग रिटायर हो चुके हैं. बाबूराम परियोजना अभियंता रिटायर हो चुके हैं. टीएन पटेल प्लानिंग एसिस्टेंड रिटायर हो चुके है. वी ए देव पुजारी मुख्य वास्तुविद नियोजन रिटायर हो चुके है. अनिता प्लानिंग एसिस्टेंड, वर्तमान में यूपी औद्योगिक प्राधिकरण में तैनात हैं. 

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इन अधिकारियों के नाम भी शामिल

इसके अलावा एनके कपूर असिस्टेंड आर्किटेक्ट रिटायर हो चुके हैं. मुकेश गोयल नियोजक सहायक वर्तमान में गिडा में तैनात हैं. प्रवीण श्रीवास्तव सहायक वास्तुविद रिटायर्ड हो चुके है. ज्ञान चंद विधि अधिकारी रिटायर हो चुके हैं. राजेश कुमार विधि सलाहकार भी रिटायर हो चुके है, तो पीके भारद्वाज प्लानिंग एसिटेंड की मौत हो चुकी है. विमला सिंह सहायुक्त नगर नियोजन अभी तैनात हैय विपिन गौर महा प्रबंधक रिटायर हो चुके है.   एम सी त्यागी महा प्रबंधक रिटायर हो चुके है. के के पाण्डे मुख्य परियोजना अभियंता अभी तैनात है. पी एन बाथम ACEO , एस सी सिंह वित्त नियंत्रक रिटायर हो चुके हैं. इसके साथ ही आर के अरोड़ा निदेशक सुपरटेक, संगीता अरोड़ा , निदेशक सुपरटेक, अनिल शर्मा , निदेशक सुपरटेक, विकास कंसल निदेशक सुपरटेक को भी ट्विन टॉवर निर्माण में दोषी पाया गया है. इस मामले में कंपनी के तत्कालीन CEO मोहिंदर सिंह अभी विदेश में है. तत्कालीन सरकार के चहेते अधिकारी यशपाल त्यागी पर भी कार्रवाई नहीं हुई है. 

सीएम योगी ने 2004 से 2017 तैनात रहे जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई के दिए थे निर्देश

आरोपित अधिकारियों में से 20 रिटायर हो चुके है जबकि 4 अधिकारी में से मुकेश गोयल गोरखपुर प्राधिकरण के प्लानिग विभाग में तैनात है और विमला सिंह नोएडा अथॉरिटी के प्लानिंग विभाग में तैनात हैं. अनिता सिंह UPSIDC में प्लानिंग असिस्टेंट के पद पर तैनात है. ऋतुराज यमुना अथॉरिटी में जीएम प्लानिंग के पद पर तैनात हैं. इन चारों को सस्पेंड करने के आदेश सरकार ने दिए. बाकि रिटायर अधिकारी या तो विदेश में है या कार्रवाई की जद के बाहर होने की जानकारी मिल रही है. अब जिस तरह से लोग मांग उठा रहे हैं, इसके बाद देखना होगा कि आने वाले समय में इन अधिकारियों पर किस तरह की कार्रवाई होती है.