वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज की 100 एकड़ जमीन का मामला एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. बुधवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड का एक नोटिस सामने आया है. खास बात है कि यह कॉलेज 114 साल पुराना है. उत्तर प्रदेश में दोबारा कॉलेज की जमीन के मालिकाना हक की चर्चाएं शुरू हो गई है. चर्चाएं जैसे शुरू हुईं, ठीक वैसे ही कॉलेज प्रशासन की तरफ से बयान जारी किया गया. कॉलेज ने कहा कि यह पुराना मामला है. इसे अब निस्तारित कर दिया गया है.
क्या बोला कॉलेज प्रशासन
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि वक्फ बोर्ड का या पुराना दावा है, अब वायरल हो रहा है. कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने 2018 में जमीन पर दावा ठोका था. तत्कालीन कॉलेज प्रबंध समिति के सचिव यूएन सिन्हा ने वक्फ बोर्ड को इसका जवाब दिया था. तत्कालीन छात्र संगठन के उपाध्यक्ष ने भी आनंद विजय ने भी जमीन को ट्रस्ट का बताया था.
सीएम योगी ने दिया विश्वविद्यालय बनाने का आश्वासन
बता दें, दो दिन पहले सोमवार को कॉलेज के 115वें स्थापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया था कि जल्द ही इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा.
इस दावे से गुस्से में हैं छात्र
उत्तर प्रदेश के कॉलेज की जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा, तब सामने आया, जब संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन बिल पेश किया जाना था. छात्र इससे गुस्से में हैं.