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किसान महापंचयत, लखनऊ में राकेश टिकैत( Photo Credit : TWITTER HANDLE)
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किसान महापंचयत, लखनऊ में राकेश टिकैत( Photo Credit : TWITTER HANDLE)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीनों कृषि कानूनों के निरस्त करने की घोषणा के बाद भी किसान नेता धरना-प्रदर्शन खत्म नहीं कर रहे हैं. 22 नवंबर यानि सोमवार को लखनऊ में हुए किसान महापंचायत में किसान नेताओं ने आंदोलन को जारी रखने के साथ प्रधानमंत्री को एक पत्र लिख कर अपनी मांगों को पूरा करने का अनुरोध किया है. लखनऊ किसान महापंचायत में आज एसकेएम नेताओं के साथ लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिजन मंच पर मंच पर मौजूद थे. किसान संगठनों और नेताओं ने परिजनों का अभिनंदन किया.
लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा कि, "आंदोलन नहीं रुकेगा क्योंकि हमारे कई मुद्दों जैसे एमएसपी गारंटी कानून, बीज बिल और दूध नीति का समाधान होना बाकी है. सरकार हमसे बात करे, नहीं तो हम घर नहीं जाएंगे."
The agitation will not stop because many of our issues like the MSP guarantee law, seed bill, and milk policy are yet to be resolved. Govt should hold talks with us, otherwise, we will not go home: BKU leader Rakesh Tikait in Lucknow pic.twitter.com/2quXdXFVmu
— ANI UP (@ANINewsUP) November 22, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत किया है. एसकेएम ने पीएम को भेजे एक पत्र में सभी कृषि उपजों पर सभी किसानों के लिए लाभकारी एमएसपी (सी 2 + 50% स्तर पर) का कानूनी अधिकार और खरीद सुनिश्चित करना, विद्युत संशोधन विधेयक 2020/2021 की वापसी, किसानों को दिल्ली वायु गुणवत्ता विनियमन से संबंधित दंडात्मक प्रावधानों के दायरे से बाहर रखना और इसलिए, "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021" से धारा 15 को हटाना,वर्तमान आंदोलन में हजारों किसानों पर लगाए गए सैकड़ों मुकदमे वापस लेना, भारत सरकार के मंत्रिपरिषद से अजय मिश्रा टेनी की बरखास्तगी और गिरफ्तारी, आंदोलन के शहीदों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास सहायता और सिंघू मोर्चा पर उनकी याद में एक स्मारक का निर्माण करने की मांग की है.
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प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के अंत में किसानों ने किसानों से घर वापस जाने की अपील पर कहा है, "हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि हमें सड़क पर बैठने का शौक नहीं है. हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द बाकी मुद्दों का निपटारा कर हम अपने घर, परिवार और खेती बाड़ी में वापस लौटें. अगर आप भी यही चाहते हैं तो सरकार उपरोक्त छह मुद्दों पर अविलंब संयुक्त किसान मोर्चा के साथ वार्ता शुरू करे. तब तक संयुक्त किसान मोर्चा इस आंदोलन को जारी रखेगा."
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