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कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने यादव समाज को लेकर दी अपनी टिप्पणी पर माफी मांग ली है. उन्होंने कहा है कि ये एक पुराना किस्सा है जब एक कथा वाचन के दौरान उन्होंने यह बात कही थी इसके बाद उन्होंने अपनी सभी कथाओं में इस बात को स्पष्ट कर दिया था. लेकिन कई लोगों तक बात में कही गई बात नहीं पहुंची है. यही नहीं इंद्रेश उपाध्याय ने अपनी ओर से दी गई टिप्पणी से यादव समाज को जो भी ठेस पहुंची है उसको लेकर भी माफी मांगी है.
क्या है मामला?
ब्रज क्षेत्र में कथावाचकों के विवादित बयानों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के बयान पर मचा विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय एक नए विवाद में घिर गए. उनके कथित बयान के बाद यादव समाज में गहरा रोष देखने को मिल रहा है.
यादव समाज में आक्रोश
बताया जा रहा है कि इंद्रेश उपाध्याय ने सार्वजनिक मंच से यादव समाज को भगवान श्रीकृष्ण का वंशज न मानने संबंधी टिप्पणी की थी. इस बयान को यादव समाज ने अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान पर सीधा हमला बताया. इसी के विरोध में यादव समाज के विभिन्न संगठनों और प्रबुद्धजनों ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता आयोजित कर कड़ा विरोध दर्ज कराया.
इंद्रेश उपाध्याय ने यादव समाज के प्रति दिए गए अपने बयान को लेकर क्षमा याचना कर ली है...#yadavsamaj#indreshkumarpic.twitter.com/rmP03MCyQN
— Dheeraj sharma (@dheer23) December 24, 2025
‘शास्त्रों में स्पष्ट है यदुवंश’
पत्रकार वार्ता में वक्ताओं ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं यदुवंश में अवतरित हुए, यह तथ्य भागवत पुराण, महाभारत, विष्णु पुराण सहित अनेक शास्त्रों में स्पष्ट रूप से वर्णित है. उन्होंने कहा कि यह केवल धार्मिक ग्रंथों तक सीमित नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और जनमानस में भी यह बात सर्वमान्य है. यादव समाज के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि इस तरह के बयान समाज को बांटने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले हैं.
बहरहाल इंद्रेश उपाध्याय ने यादव समाज के प्रति दिए गए अपने बयान को लेकर क्षमा याचना कर ली है. यह भी स्पष्ट किया है कि किसी यादव के नाजायज व्यक्ति ने उसे ऐसा वक्तव्य देने के लिए उकसाया था.
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