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शाही ईदगाह कमेटी ने जिला जज मथुरा के आदेश को दी चुनौती

इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में एक और याचिका दाखिल हो गई है. इस याचिका में भी जिला न्यायाधीश के 19 मई 2022 को दिए आदेश को चुनौती दी गई है.

Updated on: 04 Aug 2022, 11:12 PM

लखनऊ:

इलाहाबाद हाईकोर्ट में मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में एक और याचिका दाखिल हो गई है. इस याचिका में भी जिला न्यायाधीश के 19 मई 2022 को दिए आदेश को चुनौती दी गई है. कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मंदिर से जुड़े सभी पक्षों से जवाब तलब किया है. इसके साथ ही कोर्ट ने मामले को सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल एक याचिका से संबद्ध कर दिया है. अब दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी.

कोर्ट में ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह की ओर से तर्क दिया गया कि जिस संपत्ति को लेकर जिला न्यायाधीश मथुरा सुनवाई कर रहे हैं. वह उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है, क्योंकि मंदिर पक्ष की ओर से शाही ईदगाह की जिस भूमि को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली बताई जा रही है. उसकी मालियत बहुत अधिक है. जबकि, जिला न्यायाधीश को 25 लाख रुपये से अधिक की मालियत पर सुनवाई का अधिकार नहीं है. याची पक्ष की ओर से कहा गया वाद पर  विचार करने की आवश्यकता है. कोर्ट ने याची के तर्कों को स्वीकार करते हुए मामले में सभी प्रतिवादियों को आठ सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश पारित किया.  इसके बाद याची पक्ष को चार सप्ताह में प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि मामले में प्रतिवादियों को अपने हलफनामे को दाखिल करने के लिए रजिस्ट्रार दो से अधिक अवसर प्रदान नहीं किए जाएंगे. इसके बाद मामले की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.

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इसके पहले बुधवार को इसी मामले पर सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई थी. उसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता की ओर से भी यही तर्क दिया गया था. जिसे कोर्ट ने सही मानते हुए जिला न्यायालय में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी थी और जवाब दाखिल करने को कहा है.