समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक सईद अहमद को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से झटका लगा है. उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने धोखाधड़ी मामले की गंभीरता को देखते हुए ये फैसला लिया. एमपी-एमएलए कोर्ट ने कहा कि ये मामला गंभीर है, जिसमें पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाया जा सकता है. चूंकि पूर्व विधायक खुद सलाखों के पीछे नहीं हैं, ऐसे में वो मामले को प्रभावित कर सकते हैं. कोर्ट के इस आदेश के बाद सईद अहमद को कभी भी सलाखों के पीछे भेजा जा सकता है.
साल 2008 से पैसों के गबन का मामला, 5 साल पहले दर्ज हुआ केस
जानकारी के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक सईद अहमद के खिलाफ 5 साल पहले धारा 420 और 406 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एफआईआर में कहा गया था कि सईद अहमद ने एक परिवार से 80 लाख रुपये लिए थे. इसके अलावा 1250 वर्गगज की जमीन का भी सौदा हुआ था. इस मामले में सईद अहमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसमें सईद अहमद ने जमानत के लिए अर्जी डाली थी. हालांकि एमपी-एमएलए कोर्ट के इस फैसले के बाद उन्हें जेल जाना पड़ सकता है.
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सईद अहमद पर दर्ज हैं कई केस, बेटे पर रेप का केस
बता दें कि सईद अहमद ने अपने चुनावी हलफनामे में इस बात को स्वीकार किया है कि उनके ऊपर एक्सटॉर्शन समेत कई मामले दर्ज हैं. इसके अलावा पिछले साल सितंबर महीने में सईद के बेटे कवि अहमद के खिलाफ तीन सालों तक यौन उत्पीड़न और रेप का मामला दर्ज हुआ था. ये मामला एक जिम संचालिका की शिकायत पर दर्ज हुआ था.
HIGHLIGHTS
- सपा के पूर्व विधायक सईद अहमद की बढ़ी मुश्किलें
- धोखाधड़ी के केस में जमानत याचिका खारिज
- जमीन और पैसों के लेन-देन को लेकर विवाद