संजीत यादव हत्याकांड: आरोपियों से सच उगलवाने के लिए पुलिस नार्को टेस्ट की तैयारी में

सूत्रों के मुताबिक, इस मामले के तीन हत्यारोपी ज्ञानेंद्र यादव, कुल्दीप गोस्वामी और नीलू सिंह 48 घंटे की पुलिस कस्टडी में है. जिस दौरान पूछताछ में बार बार ये लोग बयान बदल रहे हैं.

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Dalchand Kumar
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Sanjeet Yadav

संजीत यादव हत्याकांड: पुलिस आरोपियों के नार्को टेस्ट की तैयारी में( Photo Credit : फाइल फोटो)

कानपुर (Kanpur) के लैब टेक्निशन संजीत यादव हत्याकांड के आरोपियों से पूछताछ के लिए पुलिस नार्को टेस्ट कराने की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक, इस मामले के तीन हत्यारोपी ज्ञानेंद्र यादव, कुल्दीप गोस्वामी और नीलू सिंह 48 घंटे की पुलिस कस्टडी में है. जिस दौरान पूछताछ में बार बार ये लोग बयान बदल रहे हैं. हत्या (murder) का एक और आरोपी रामजी शुक्ला कोरोना पॉजिटिव है, लिहाजा पुलिस रामजी शुक्ला को 14 दिन बाद रिमांड में लेकर पूछताछ करेगी. संजीत यादव (Sanjeet Yadav) हत्याकांड में कई सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब पुलिस के पास भी नहीं है.

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पुलिस अभी तक संजीत का शव भी बरामद नहीं कर पाई है. फिरौती से भरा बैग और उसमें रखे गए मोबाइल को भी बरामद नहीं कर सकी है. पुलिस आरोपियों को ले जाकर पांडू नदी में संजीत के शव को खोजने का काम कर चुकी है, जिसमें सफलता नहीं मिली है. दरअसल, कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में रहने वाले लैब टेक्निशन का किडनैप उसके ही दोस्तों ने बीते 22 जून को किया था. किडनैपर्स ने चार दिनों तक बंधक बनाए रखने के बाद संजीत की हत्या कर दी थी.

आरोपियों के बयान के मुताबिक, उन लोगों ने 26 जून को ही देर रात शव को बोरे में भर पांडू नदी में फेंक कर दिया था. किडनैपर्स ने 29 जून को संजीत के परिजनों से 30 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी. पुलिस ने 24 जुलाई को एक महिला समेत पांच किडनैपर्स को गिरफ्तार किया था. किडनैपर्स ने पुलिस को बताया था कि संजीत की हत्या अपहरण के बाद चौथे ही दिन कर दी थी और शव को पांडू नदी में फेंक दिया था.

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संजीत हत्या कांड का मास्टरमांइड ज्ञानेंद्र यादव को बताया जा रहा है. इस पूरे मामले में पुलिस सभी आरोपियों को अलग अलग बिठाकर भी पूछताछ कर चुकी है, लेकिन सभी बार बार अलग अलग बातें बता रहे हैं. लिहाजा पुलिस इन लोगों से पूरा सच जानने के लिये नार्को टेस्ट करवाना चाहती है. इस मामले में बर्रा के निलंबित थानाध्यक्ष की भूमिका भी संदिग्ध है. सरकार द्वारा गठित एडीजी की टीम भी उसकी भूमिका की जांच कर रही है.

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