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जांच कमेटी ने सीएम योगी को सौंपी संभल हिंसा की रिपोर्ट Photograph: (Information Department, UP)
Sambhal Violence Report: उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले साल हुई हिंसा की रिपोर्ट जांच कमेटी ने सीएम योगी को सौंप दी है. जांच कमेटी ने रविवार को सीएम योगी को ये रिपोर्ट सौंपी. जिसमें संभल में हिंदुओं की घटती आबादी का भी जिक्र किया गया है. बता दें कि यूपी के संभल में पिछले साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति डीके अरोड़ा की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी में पूर्व डीजीपी एके जैन और सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद भी सदस्य बनाए गए थे. इस आयोग ने गुरुवार को सीएम योगी को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी.
तीन सदस्यीय समिति ने तैयार की 450 पन्नों की रिपोर्ट
बता दें की तीन सदस्यों वाली समिति ने संभल हिंसा की 450 पन्नों की रिपोर्ट तैयारी की है. इस रिपोर्ट में जांच कमेटी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. जांच कमेटी रिपोर्ट में कहा गया है कि संभल नगरपालिका में वर्ष 1947 में हिंदुओं की आबादी 45 फीसदी थी, जो 2025 में घटकर 15 फीसदी रह गई है. यानी पिछले 78 सालों में हिंदुओं की संख्या में 30 फीसदी की गिरावट आई है. इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि संभल आतंकियों का अड्डा बन गया है. जहां आजादी के बाद से 15 दंगे हुए हैं.
Uttar Pradesh | A report of approximately 450 pages has been submitted to CM Yogi Adityanath regarding the violence in Sambhal.
— ANI (@ANI) August 28, 2025
(Source: Information Department, UP) pic.twitter.com/GOYDtnu77Q
पिछले साल नवंबर में संभल में हुई हिंसा को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि साजिशकर्ता को इस बात की जानकारी थी कि मस्जिद में सर्वे होना है. इसके लिए प्रशासन ने संभल जामा मस्जिद के प्रबंधन को भी जानकारी दी थी कि वहां सर्वे किया जाना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि वहीं से सर्वे की बात लीक हुई होगी. जिससे वहां भीड़ जुट गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां अवैध हथियारों और नशीले पदार्थों का अड्डा बन गया है. इस जांच रिपोर्ट में संभल में पहले हुए दंगों की तिथियां, उनमें मारे गए लोगों की जानकारी, प्रशासनिक कार्रवाई और उसके बाद की स्थिति का भी पूरा जिक्र किया गया है.
राज्य कैबिनेट के समक्ष रखी जाएगी रिपोर्ट
इस जांच रिपोर्ट को पहले राज्य कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इस रिपोर्ट को आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सदन में रखा जाएगा. बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट में हिंसा के कारणों, प्रशासन की भूमिका, खुफिया तंत्र की नाकामी और भविष्य में इस तरह के हालातों से निपटने के भी सुझाव दिए गए हैं.
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