आज यानी गुरुवार को संभल शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी गई है. यह सर्वे रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश की है जैसा कि मुस्लिम पक्ष ने चाहा भी था. यह सर्वे रिपोर्ट संभल की चंदौसी कोर्ट में पेश हुई. रिपोर्ट पेश होने के बाद अब कोर्ट इस मामले में आगे की कार्यवाही करेगी.
दरअसल, 19 नवंबर को संभल की अदालत ने शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे को लेकर सर्वे का आदेश दिया था. आदेश के बाद 19 और 24 नवंबर को इसका सर्वे हुआ.इसका मकसद था कि रिपोर्ट के बाद ये साफ होगा मस्जिद और मंदिर के बीच कोई ऐतिहासिक संबंध है या नहीं.
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सर्वे रिपोर्ट में क्या मिला
सूत्रों के अनुसार, इसको ध्यान में रखकर सर्वे के बाद उसकी एक हजार से ज्यादा तस्वीर कोर्ट में पेश की गई.सर्वे में शाही जामा मस्जिद के मुख्य दो खंभों के ऊपर कमल की आकृतियां मिली हैं. कमल के फूल की आकृति के ऊपर नक्काशीदार कलश का दावा किया गया है. ऐसे में तो लगता है कि मस्जिद से पहले यह मंदिर ही रहा होगा लेकिन इस पर अंतिम फैसला कोर्ट को करना है. एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने सर्वे रिपोर्ट पेश की.
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सर्वे के बाद हुई थी हिंसा
बता दें कोर्ट ने 19 नवंबर को सर्वे का आदेश दिया था और उसी दिन सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्रर की अगुवाई में टीम मौके पर पहुंची थी. 19 नवंबर के बाद फिर 24 नवंबर को भी सर्वे हुआ. 24 नवंबर को हुए सर्वे के बाद ऐसी हिंसा हुई कि जिसमें पांच लोग मारे गए. स हिंसा के बाद करीब 1 हफ्ते तक संभल में तनावपूर्ण हालात रहे.बाद में संभल के ही और क्षेत्रों में मंदिर और बावड़ी मिलने का मामला सामने आया जिस पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और यूपी पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम ने अपना सर्वे किया था.