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उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित गौसुलवरा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. मस्जिद कमेटी द्वारा दायर की गई याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है. आपको बता दें कि कमेटी ने हाईकोर्ट से मस्जिद के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस पर सहमति नहीं जताई. कोर्ट ने कहा कि याची को पहले ट्रायल कोर्ट में अपील दाखिल करनी चाहिए.
प्रशासन का कहना है कि गौसुलवरा मस्जिद तालाब की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई है, इसलिए इसे हटाया जाना जरूरी है. प्रशासनिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस भूमि को पहले तालाब के रूप में दर्ज किया गया था और बाद में वहां निर्माण कर दिया गया.
अदालत ने प्रशासन को दी कार्रवाई की अनुमति
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद प्रशासनिक कार्रवाई को सही ठहराया है और कहा कि यदि निर्माण अवैध पाया जाता है, तो ध्वस्तीकरण पर रोक नहीं लगाई जा सकती. इस फैसले के बाद प्रशासन को मस्जिद ढहाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की अनुमति मिल गई है.
इस याचिका में केवल मस्जिद ही नहीं बल्कि बारात घर और अस्पताल के ध्वस्तीकरण आदेश को भी चुनौती दी गई थी. मस्जिद कमेटी की ओर से कहा गया कि बारात घर को पहले ही ढहा दिया गया है और बाकी ढांचे को 2 अक्टूबर (गांधी जयंती और दशहरे) के दिन निशाना बनाया गया, जिससे तनाव की स्थिति बन सकती थी.
इस मामले को लेकर क्षेत्र में प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे और किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो.
#WATCH | Sambhal, UP | Sambhal Masjid Committee demolish a mosque in Rae Buzurg village after being issued an order to remove the encroachment. pic.twitter.com/ddRxoZngbn
— ANI (@ANI) October 2, 2025
दोनों पक्षों की दलीलें
बता दें कि मस्जिद पक्ष की ओर से अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी और शशांक श्री त्रिपाठी ने दलीलें दीं, जबकि राज्य सरकार की ओर से जे.एन. मौर्या और आशीष मोहन श्रीवास्तव ने पक्ष रखा. सुनवाई के बाद जस्टिस दिनेश पाठक की सिंगल बेंच ने याचिका निस्तारित करते हुए ट्रायल कोर्ट में अपील करने का निर्देश दिया.
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब मस्जिद कमेटी को निचली अदालत में अपनी अपील दायर करनी होगी. वहीं प्रशासन ने संकेत दिया है कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत जारी रहेगी.
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