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बंगाल और आगामी यूपी चुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने कही ये बातें

अखिलेश यादव ने वैक्सीन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है, उन्हें भी कोरोना हो रहा है. मेडिकल स्टाफ को भी कोरोना हो रहा है. मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना के आंकड़े छिपा रही है.

Updated on: 10 Apr 2021, 02:01 PM

highlights

  • मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि सरकार कोरोना के आंकड़े छिपा रही है
  • अखिलेश यादव ने कहा कि कोविड वैक्सीन की जगह कुत्ते की वैक्सीन लगा दी जा रही है
  • बंगाल में BJP हार रही है, ममता बनर्जी चुनाव में जीत रही है- अखिलेश यादव

लखनऊ:

समाजवादी पार्टी (SP)  के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश का चुनाव देश का चुनाव होगा. 2022 में जीतने के लिए जो भी समाजवादी पार्टी से जुड़ना चाहेगा उसे हम पार्टी में जोड़ेंगे.  कोरोना वैक्सीन को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि वैश्विक महामारी ने एक बार फिर से देश को घेर लिया है. कई महत्वपूर्ण लोगों की कोरोना से जान चली गई है. जिस तरह का संकट है, उससे गरीब सबसे ज्यादा संकट में है. विपक्षा पर हमला बोलते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि वो जिन्हें काम करना चाहिए था वो स्टार प्रचारक बनकर दूसरे प्रदेशों में झूठ बोल रहे हैं.  उन्होंने आगे कहा कि ना दवाई है,  ना वैक्सीन है और ना ही टेस्ट हो रहे हैं. 

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वहीं वैक्सीन को लेकर हो रही लापरवाही पर सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) की जगह कुत्ते की वैक्सीन लगा दी जा रही है. इन्हें लोगों की और उनकी जान की फिक्र नहीं है. आने वाले समय में जनता बदलाव चाहती है. 

अखिलेश यादव ने वैक्सीन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है, उन्हें भी कोरोना हो रहा है. मेडिकल स्टाफ को भी कोरोना हो रहा है. मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना के आंकड़े छिपा रही है. देश में दवाई और वैक्सीन की कमी है ये टीका उत्सव मनाने जा रहे हैं. 

बंगाल चुनाव पर अखिलेश यादव ने कहा कि बंगाल में BJP हार रही है, ममता बनर्जी चुनाव में जीत रही है. महंगाई और बीमारी का BJP के पास कोई जवाब नहीं है,इसीलिए BJP जान बूझकर लोगों का ध्यान भटका रही है.

उन्होंने दलित दिवाली को लेकर कहा कि डॉक्टर भीमराव आंबेडकर और डॉक्टर लोहिया एकसाथ मिलकर काम करना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. इसलिए हमने दलित दिवाली मनाने का फैसला किया था. बीजेपी और कांग्रेस को बुरा लगा. ये दोनों पार्टियों के लोग बताएंगे कि 14 अप्रैल को वो दिया जलाएंगे की नहीं.