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यूपी में जनसंख्या नियंत्रण पर सलमान खुर्शीद के बोल- पहले मंत्री बताएं उनके कितने वैध और नाजायज बच्चे

फर्रुखाबाद में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने यूपी जनसंख्या नियंत्रण विधेयक 2021 को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा

Updated on: 11 Jul 2021, 06:57 PM

लखनऊ:

फर्रुखाबाद में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Congress leader Salman Khurshid ) ने यूपी जनसंख्या नियंत्रण विधेयक 2021 ( UP Population Control Bill 2021) को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता ने कहा कि इसे लागू किया जाना चाहिए. लेकिन पहले (सरकार को) यह बताना होगा कि उनके मंत्रियों के कितने बच्चे हैं? उसके बाद इस अधिनियम को लागू किया जाना चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके वैध और नाजायज बच्चों की भी गिनती होनी चाहिए. आपको बता दें कि कांग्रेस नेता रविवार को मीडिया से बात कर रहे थे. 

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नई जनसंख्या नीति 2021-30 का अनावरण किया

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर नई जनसंख्या नीति 2021-30 का अनावरण किया. प्रस्तावित नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भनिरोधक उपायों की सुलभता बढ़ाने तथा सुरक्षित गर्भपात के लिए उचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के प्रयास किये जायेंगे तथा दूसरी ओर उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयास किये जायेंगे। नपुंसकता/बांझपन के लिए सुलभ समाधान और शिशु और मातृ मृत्यु दर को कम करना में इसमें शामिल है.

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विधेयक लाना आवश्यक

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक समान वितरण के साथ सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए जनसंख्या को नियंत्रित और स्थिर करने के लिए विधेयक लाना आवश्यक है. उन्होंने इस मुद्दे पर लोगों के बीच जरूरत या जागरूकता पैदा करने को भी रेखांकित किया. नई जनसंख्या नीति में 2026 तक जन्म दर 2.1 प्रति हजार जनसंख्या और 2030 तक 1.9 करने का लक्ष्य रखा गया है. नई नीति में प्रमुख बिंदुओं में से एक 11 से 19 वर्ष के बीच के किशोरों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के बेहतर प्रबंधन के अलावा बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना है. राज्य की जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है और अब नई नीति समय की मांग है.नई नीति में जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जागरूकता प्रयासों के साथ-साथ डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की भावना के अनुरूप शिशुओं, किशोरों और बुजुर्गों की डिजिटल ट्रैकिंग के लिए एक प्रणाली के साथ स्कूलों में 'हेल्थ क्लब' स्थापित करने का एक अभिनव प्रस्ताव है.