उत्तर प्रदेश में पुलिस में 'जीजा' की जगह 'साला' था तैनात

जांच में पता चला कि अनिल और सुनील एक-दूसरे को तब से जानते थे, जब वे 12वीं कक्षा में थे. साल 2016 में जब अनिल ने शिक्षक बनने की परीक्षा पास की, तो उसने सुनील को उसकी जगह लेने के लिए कहा ताकि वह समय निकाल सके और अपनी बी.एड की डिग्री पूरी कर सके.

author-image
Ritika Shree
एडिट
New Update
Uttar Pradesh police

Uttar Pradesh police ( Photo Credit : गूगल)

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक गांव के एक प्राइमरी स्कूल में अनिल साल 2016 से कार्यरत था. उसी नाम का अनिल कुमार मुरादाबाद में भी पुलिस विभाग में तैनात था. मामले का खुलासा तब हुआ जब यूपी पुलिस में तीन दिन पहले एसएचओ सत्येंद्र सिंह ने डायल 112 यूनिट के पब्लिक रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) में तैनात अनिल को फोन किया. वह पीवीआर ड्राइवर के साथ अपनी वर्दी में आया, जिसमें उनके नाम का टैग भी लगा था. उनके पूछा गया कि उनके पिता का क्या नाम है, वह कहां से हैं? अनिल ने सभी के जवाब दिए. उन्होंने बताया कि वह मुजफ्फरनगर से हैं, बरेली पुलिस लाइन में प्रशिक्षण लेने के बाद साल 2011 में वह पुलिस में शामिल हुआ और उनके पिता सुखपाल सिंह हैं. हालांकि, रैकेट का पदार्फाश तब हुआ जब अनिल को यह बता पाने में असमर्थ रहा कि बरेली के एसएसपी उस समय कौन थे, जब उनकी ट्रेनिंग चल रही थी. अनिल उस वक्त घबराकर बाथरुम जाने का बहाना बनाकर वहां से चल दिया.

Advertisment

यह भी पढ़ेः LJP Conflict: चिराग ने नेताओं को दिलाई शपथ, पशुपति ने भी नई कार्यकारिणी बनाई

इस बीच पुलिस ने रिकॉर्ड की जांच की और पाया कि रिकॉर्ड में मौजूद तस्वीर उस व्यक्ति से मेल नहीं खाती, जिससे वे मिले थे. इसके बजाय, किसी ने सुनील कुमार को बुलाया था, जो अनिल का साला निकला. एसएचओ ने शिकायत दर्ज कराई और अनिल और सुनील दोनों पर मामला दर्ज किया गया. जांच में पता चला कि अनिल और सुनील एक-दूसरे को तब से जानते थे, जब वे 12वीं कक्षा में थे. साल 2016 में जब अनिल ने शिक्षक बनने की परीक्षा पास की, तो उसने सुनील को उसकी जगह लेने के लिए कहा ताकि वह समय निकाल सके और अपनी बी.एड की डिग्री पूरी कर सके.

यह भी पढ़ेः Unlock 4 के तहत दिल्ली में खुल जाएंगे 'बार', देखिए नई गाइडलाइन

यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी को पता न चले कि यह वास्तव में अनिल नहीं है, वह मुरादाबाद शिफ्ट हो गया. इस बीच, उन्होंने मुजफ्फरनगर में प्राथमिक स्कूल के शिक्षक के रूप में काम करना शुरू कर दिया और 2017 में सुनील की बहन से शादी कर ली. अनिल ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर भी सुनील को सौंप दी थी. दोनों पर अपराध के लिए उकसाने, एक लोक सेवक का पद धारण करने का नाटक करने, लोक सेवक न होने के बावजूद भी उनसे संबंधित वस्तुओं का उपयोग करने, ढोंग और आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. सर्किल ऑफिसर अनूप सिंह ने कहा, "दोनों को गिरफ्तार कर शनिवार को जेल भेज दिया गया. हम यह पता लगाने के लिए जांच जारी रखेंगे कि क्या किसी और ने उनकी मदद की है या नहीं. मैं बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जानकारी लेने के लिए मुजफ्फरनगर में एक टीम भेज रहा हूं."

HIGHLIGHTS

  • पुलिस ने रिकॉर्ड की जांच की और पाया कि रिकॉर्ड में मौजूद तस्वीर उस व्यक्ति से मेल नहीं खाती
  • एसएचओ ने शिकायत दर्ज कराई और अनिल और सुनील दोनों पर मामला दर्ज किया गया

Source : IANS

Brother - in - law Police posted Uttar Pradesh instead of original
      
Advertisment