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UP News: उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के चयन के नियमों में बदलाव किया गया है. नए नियमों के तहत अब राज्य सरकार के पास डीजीपी के चयन का अधिकार होगा, इसके साथ ही अब लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) भारत सरकार को इसके लिए पैनल भेजने की जरूरत नहीं पडे़गी. योगी कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़ा फैसला लिया गया है. हालांकि, डीजीपी के चयन के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन करना होगा.
योगी कैबिनेट ने लिया फैसला
बता दें कि इससे पहले पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि देश के किसी भी राज्य का डीजीपी नियुक्त करने के लिए उस राज्य के तीन सीनियर मोस्ट अफसरों के नाम संघ लोक सेवा आयोग को भेजने होंगे. जिनमें से यूपीएससी एक नाम तय कर राज्य को भेजेगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को योगी कैबिनेट ने सोमवार को बदल दिया. जिसके बाद अब यूपी में ही डीजीपी का चयन किया जाएगा और यूपीएससी को नाम भेजने वाली बाध्यता भी नहीं रहेगी.
Uttar Pradesh: New manual for appointment of UP DGP approved. DGP will be appointed for at least 2 years. A Nominating Committee, headed by a retired High Court judge, will be constituted for the appointment of DGP. As per the new manual, the DGP will be appointed only when there…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 5, 2024
अब ऐसे होगा डीजीपी का चयन
योगी कैबिनेट ने पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश चयन एवं निर्देशावली 2024 को मंजूरी दे दी. नए नियमों के तहत हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी, जो राज्य के डीजीपी के नाम का चयन करेगी. इस कमेटी में रिटायर्ड हाईकोर्ट जज के इलावा यूपी के मुख्य सचिव, यूपीएससी की ओर से नामित एक सदस्य, यूपी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनकी ओर से नामित सदस्य, अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव गृह और एक रिटायर्ड पूर्व डीजीपी को भी शामिल किया जाएगा.
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क्या है पुलिस महानिदेशक किए योग्यता
अगर डीजीपी के लिए अहर्ता यानी योग्यता की बात करें तो जिसकी कम से कम 6 महीने की नौकरी बची हो. वहीं चुने जाने के बाद डीजीपी का कार्यकाल दो वर्ष का होगा. तैनाती के बाद उनकी सेवा अवधि छह महीने रह जाती है तो उनकी सेवा अवधि को बढ़ाया जा सकेगा. योगी कैबिनेट ने नई नियमावली पर मुहर लगा दी है. इसी के साथ ऐसा माना जा रहा है कि अब प्रशांत कुमार को पूर्णकालिक डीजीपी बना दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें दो साल का तय कार्यकाल भी मिल सकता है.