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रिटायर्ड जज सुरेंद्र यादव यूपी के उप-लोकायुक्त बनाए गए, बाबरी विध्वंस केस में सुनाया था फैसला

राज्यपाल की ओर से उन्हें 6 अप्रैल 2021 को इस पद पर नियुक्त किया गया है. आज उन्होंने लोक आयुक्त की उपस्थिति में अपना पदभार ग्रहण कर लिया है. कोविड के कारण उनके शपथ ग्रहण समारोह में विशेष व्यक्ति ही मौजूद रहे.

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Karm Raj Mishra
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Rt  Judge Surendra Yadav

Rt Judge Surendra Yadav( Photo Credit : News Nation)

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लखनऊ की स्पेशल सीबीआई अदालत के रिटायर्ड जज सुरेंद्र कुमार यादव को योगी सरकार में बड़ा अहम पद सौंपा गया है. रिटायर्ड जज सुरेंद्र कुमार यादव को यूपी का उप लोकायुक्त नियुक्त किया गया है. राज्यपाल की ओर से उन्हें 6 अप्रैल 2021 को इस पद पर नियुक्त किया गया है. आज उन्होंने लोक आयुक्त की उपस्थिति में अपना पदभार ग्रहण कर लिया है. कोविड के कारण उनके शपथ ग्रहण समारोह में विशेष व्यक्ति ही मौजूद रहे. रिटायर्ड जज सुरेंद्र कुमार यादव ने बाबरी विध्वंस केस में अहम फैसला सुनाया था. 5 अगस्त को जज सुरेंद्र कुमार यादव को इस मुकदमे में स्पेशल जज के तौर पर नियुक्त किया गया था. 

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19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने जज सुरेंद्र कुमार यादव को रोजाना ट्रायल करके बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई 2 साल में मुकम्मल करने का हुक्म दिया था. सीबीआई कोर्ट के रिटायर्ड जज सुरेंद्र कुमार यादव ने 28 साल पुराने इस केस में फैसला सुनाया और सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया. सुरेंद्र यादव इस केस का फैसला देने से पहले ही रिटायर होने वाले थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सेवा में इजाफा करते हुए बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई मुकम्मल होने तक उन्हें पद पर बने रहने का आदेश दिया था. जिसके बाद यूपी हुकूमत ने भी नोटिफिकेशन जारी कर फैसला आने तक जज की मुद्दत बढ़ा दी थी. हालांकि जैसे ही उन्होंने इस महत्वपूर्ण केस में फैसला सुनाया वे अपने पद से रिटायर हो गए थे. 

रिटायर्ड जज सुरेंद्र यादव की जिदगी में फैजाबाद की बहुत अमहियत है. उनकी पहली पोस्टिंग फैजाबाद वर्तमान में अयोध्या जिले में ही हुई थी और एडीजे के तौर पर पहला प्रमोशन भी फैजाबाद में ही मिला था. अब बाबरी मस्जिद विध्वंस जैसे अहम मामले का तअल्लुक भी फैजाबाद जिले से ही है. उस समय अयोध्या फैजाबाद जिले के अंतर्गत आता था. योगी सरकार ने इस जिले का नाम फैजाबाद से बदलकर अयोध्या कर दिया है. 

 5 अगस्त 2015 को रिटायर्ड जज सुरेंद्र यादव को इस मुकदमे में विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. 19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रोज़ाना ट्रायल कर इस मामले की सुनवाई दो साल में पूरा करने का निर्देश दिया था. सुरेंद्र कुमार यादव को सेवा विस्तार ही नहीं बल्कि उनका तबादला भी रोका गया था. सुरेंद्र कुमार ने सुनवाई एडीजे के तौर पर शुरू की थी. बाद में उनका प्रमोसन कर जज बनाते हुए उनका तबादला बदायूं कर दिया गया था.

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बता दें विशेष अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बीजेपी के सीनियर नेता विनय कटियार समेत कुल 32 आरोपियों को बरी कर दिया है.

HIGHLIGHTS

  • 6 अप्रैल 2021 को इस पद पर नियुक्त किया गया
  • रि. जज सुरेंद्र यादव ने आज पदभार ग्रहण कर लिया
  • उन्होंने बाबरी विध्वंस में अहम फैसला सुनाया था
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