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Ram Lalla Surya Tilak Live: पीएम मोदी ने अपने टैब में अद्भुत पल के किए दर्शन, जय श्रीराम के लगाए नारे

Ram Lalla Surya Tilak: सूर्य तिलक को लेकर अयोध्या में जनसैलाब उमड़ पड़ा है, यहां पर सुबह से ही दूर-दूर से लोगों के आने का सिलसिला जारी है.

Updated on: 17 Apr 2024, 01:58 PM

नई दिल्ली:

Ram Lalla Surya Tilak: देशभर में आज धूमधाम से रामनवी का पर्व मनाया जा रहा है. इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है. 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया. भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है. अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है. इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई. इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है. राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं. यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे. यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया. दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए. 

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सूर्य तिलक के बाद भगवान श्री राम की विशेष पूजा की हुई. उनकी आरती उतारी गई.दर्शन का वक्त बढ़ाकर 19 घंटे का कर दिया गया. ये मंगला आरती से शुरू होकर रात्रि 11 बजे तक चलेगा. चार बार लगने वाले भोग को लेकर केवल पांच-पांच मिनट के लिए पर्दा बंद होगा. इस उत्सव के प्रसारण के लिए करीब सौ एलईडी की स्क्रीन का सहारा लिया गया. सोशल मीडिया पर इसका लाइव प्रसारण देखा गया.

प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कड़े  इंतजाम किया है. कई जगह पर बैरियर लगाकर श्रद्धालुओं की चेकिंग की जा रही है. लोगों को कतार में दर्शन दिलाए जा रहे हैं. दो पहिया और चार पहिया वाहनों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है. 

सूर्य तिलक के अद्भुत नजारे को लाइव देखा

पीएम मोदी ने चुनावी जनसभा को संबोधित करने से पहले अपने विमान में ही रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत नजारे को लाइव देखा. उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि यह परमानंद का पल है. रामनवमी के असवर पर अयोध्या में दर्पण और लेंस की मदद से बनाए गए मैकेनिज्म ने सूर्य के मस्तक पर जो तिलक किया है वो अविस्मरणीय पल था. इस दौरान उन्होंने श्रीराम के नारे भी लगाए.

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हर किसी के लिए परमानंद का क्षण: मोदी 

अपने टैब पर पीएम मोदी ने इस अद्भुत पल के दर्शन किए. उन्होंने कहा, नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला. श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है. ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा.


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पीएम मोदी ने लगाए जय श्रीराम के नारे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला के सूर्याभिषेक के मौके पर जय श्रीराम के नारे लगाए. उन्होंने दुनियाभर के रामभक्तों से ये आग्रह किया था कि वे इस अद्भुत क्षण के साक्षी बने हैं. पीएम मोदी ने कहा कि दिव्य-भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ये पहली रामनवमी है. इसमें प्रभु श्रीराम के सूर्य तिलक का अलौकिक अवरस भी सामने आया है. विश्वभर के राम भक्तों से मेरा आग्रह है कि वे इस अद्भुत क्षण का साक्षी जरूर बनें.


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रामलला का दिव्य सूर्यतिलक 

राम मंदिर में इस समय अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है. आस्था और विज्ञान के संगम से रामलला का सूर्याभिषेक किया गया. 


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पीले पीतांबरी रंग की पोशाक में रामलला

रामनवमी के मौके पर रामलला को पीले पीतांबरी रंग की पोशाक को पहनाया गया है. रामलला के वस्त्रकार मनीष त्रिपाठी के अनुसार, रामलला के परिधान को तैयार करने में 20 से 22 दिन का वक्त लगता है. रामलला के वस्त्रों में मखमली कॉटन का उपयोग किया गया है ताकि ये मुलायम बने रहें.

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राम मंदिर में पूजा की गई

रामनवमी के अवसर अयोध्या के राम मंदिर में पूजा की गई. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार अयोध्या के राम मंदिर में रामनवमी मनाई जा रही है.


 


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क्या है सूर्य अभिषेक का समय 

अयोध्या में पहली बार इतने धूमधाम से रामनवमी का जश्न मनाया जा रहा है. दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्य तिलक होगा.  

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सूर्य तिलक क्या है प्रक्रिया?

रामनवमी के मौके पर रामलला का सूर्यतिलक का नजारा काफी अदभुत होने वाला है. यहां पर वैज्ञानिक प्रक्रिया के तहत ये सूर्य तिलक होगा। सूरज की रोशनी मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगे पहले दर्पण पर पड़ेगी. यहां से परावर्तित होकर ये पीतल के पाइप पर गिरेगी. पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण से टकराकर 90 डिग्री पर परावर्तित होगी. इसके बाद पीतल की पाइप से जाते हुए यह किरण तीन अलग-अलग लेंस से होकर जाएगी. लंबे पाइप के गर्भगृह बाले सिरे पर लगे शिशे से टकराएगी. इसके बाद गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद ये सीधे रामलला के मस्तिष्क पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक तैयार होगा.