गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में कपाट बंद करने तैयारी, दीपावली का पर्व पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया

22 अक्टूबर को 11 बजकर 36 मिनट पर शीतकालीन के लिए बंद किए जाने वाले हैं. यमुनोत्री में भयादूज पर 23 अक्टूबर को 12  बजकर 30 मिनट पर शतकालीन यात्रा के लिए बंंद होंगे

22 अक्टूबर को 11 बजकर 36 मिनट पर शीतकालीन के लिए बंद किए जाने वाले हैं. यमुनोत्री में भयादूज पर 23 अक्टूबर को 12  बजकर 30 मिनट पर शतकालीन यात्रा के लिए बंंद होंगे

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Mohit Saxena
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yamnotri Photograph: (social media)

उत्तरकाशी चारधाम यात्रा के पहले दो तीर्थ यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में दीपावली पर्व को धूमधाम से मनाया गया. इसके साथ ही दोनों ही दोनों धामों के कपाट बंद करने तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं. 22 अक्टूबर को 11 बजकर 36 मिनट पर शीतकालीन के लिए बंद किए जाने वाले हैं. वहीं यमुनोत्री में भयादूज पर 23 अक्टूबर को 12  बजकर 30 मिनट पर शतकालीन यात्रा के लिए बंंद होंगे. जिसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति के दर्शन   खरसाली और गंगा के उत्सव मूर्ति के दर्शन मुखबा गांव में होंगे. 

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तीर्थयात्री इस पवित्र अवसर के साक्षी बने

गंगोत्री धाम में मां गंगा के धाम गंगो के धाम गंगोत्री में दीपावली का पर्व पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया. मंदिर परिसर और धाम क्षेत्र को दीपों की रोशनी से सजाया गया, जहां श्रद्धालुओं और पुजारियों ने मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना की. दीपावली के पावन अवसर पर पूरे धाम में भक्ति और उल्लास का वातावरण रहा. मंदिर में आकर्षक रोशनी और पुष्प सज्जा की गई. स्थानीय लोग और तीर्थयात्री इस पवित्र अवसर के साक्षी बने. वहीं  अब दीपावली के बाद गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. परंपरा के अनुसार, कार्तिक माह की अन्नकूट (गोवर्धन पूजा) के दिन मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास  मुखबा गांव के लिए रवाना होगी. कपाट बंद होने का समय तय होने पर तीर्थ पुरोहितों एवं यात्रा कारोबारियों ने धामों से सामान समेटना शुरू कर दिया है. इस बाद धराली आपदा के चलते यात्रा धीमी पड़ी. 

तीर्थाटन एवं पर्यटन पूरी तरह ठप हो जाता 

वहीं अब शीतकाल में भी यात्रा ठीक चले अब इस पर कारोबारियों की उम्मीद आ टिकी है. यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के साथ ही जिले में तीर्थाटन एवं पर्यटन पूरी तरह ठप हो जाता है. वहीं यात्रा से जुड़े कारोबारी आशीष सेमवाल, विनय उनियाल ने बताया कि सर्दियों में भी मयुना एवं गंगा के शीतकालीन पड़ाव वाले खरसाली और मुखबा गांव तक चात्रा चालू रखकर देश विदेश के तीर्थयात्रियों को यहां आक​र्षित किया जा सकता है. उस दौरान तीर्थयात्री एवं पर्यटक यमुना और गंगा की पूजा अर्चना करने के साथ ही बर्फबारी का नजारा भी देख सकेंगे.

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