/newsnation/media/media_files/2025/10/21/ani-2025-10-21-19-12-28.jpg)
व्लादिमीर पुतिन Photograph: (ANI)
पोलैंड के विदेश मंत्री राडोस्लाव सिकोर्स्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी है कि अगर वे हंगरी में प्रस्तावित शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पोलैंड के हवाई क्षेत्र का उपयोग करते हैं, तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) के गिरफ्तारी वारंट के तहत हिरासत में लिया जा सकता है.
एक स्थानीय रेडियो चैनल रेडियो रोज़िना से बातचीत में सिकोर्स्की ने कहा, "मैं इस बात की गारंटी नहीं दे सकता कि पोलैंड की कोई स्वतंत्र अदालत सरकार को यह आदेश न दे कि विमान को नीचे उतारकर आरोपी को हेग की अदालत को सौंपा जाए."
क्या बैठक को स्थगित कर दिया गया?
इस बयान के बाद रूस और अमेरिका के बीच संभावित शिखर सम्मेलन को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है. क्रेमलिन ने कहा है कि पुतिन और ट्रंप के बीच बैठक की तारीख तय नहीं हुई है और न ही कोई कार्यक्रम स्थगित किया गया है. हालांकि, CNN की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच होने वाली एक तैयार बैठक को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है.
अब तक तारीख तय नहीं?
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, "हम किसी ऐसी चीज को स्थगित नहीं कर सकते जो कभी तय ही नहीं हुई. दोनों राष्ट्रपतियों ने अब तक कोई तारीख नहीं दी है." इसी बीच सिकोर्स्की ने उम्मीद जताई कि अगर शिखर बैठक होती है, तो "आक्रामकता के शिकार देश" यानी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की को भी उसमें शामिल किया जाना चाहिए. ज़ेलेंस्की ने पहले ही संकेत दिया है कि अगर उन्हें आमंत्रण मिलता है, तो वे बैठक में शामिल होने को तैयार हैं. हालांकि, न रूस और न ही अमेरिका ने ज़ेलेंस्की की उपस्थिति को लेकर कोई स्पष्ट बयान दिया है.
पुतिन को गिरफ्तार करना अनिवार्य?
गौरतलब है कि ICC द्वारा पुतिन के खिलाफ जारी वारंट के अनुसार, सदस्य देशों को उनके क्षेत्र में पुतिन के पहुंचने पर उन्हें गिरफ्तार करना अनिवार्य है. हंगरी, जहां यह बैठक होनी है, ICC से बाहर निकलने की प्रक्रिया में है और प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने कहा है कि पुतिन को न केवल आने, बल्कि सुरक्षित लौटने की भी अनुमति दी जाएगी. स्थिति यह है कि रूस को यूक्रेन से बचते हुए यूरोपीय संघ के किसी न किसी देश के हवाई क्षेत्र से होकर गुजरना होगा, और सभी EU देश ICC के सदस्य हैं ऐसे में यात्रा का रास्ता चुनना अब एक राजनीतिक और कानूनी चुनौती बन गया है.
ये भी पढ़ें- दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून दूसरे मार्शल लॉ ट्रायल से फिर अनुपस्थित