कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार की तैयारियां जोरों पर, मंगाई गई 21 किलो चन्दन की लकड़ी
पूर्व सीएम कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार के लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. रामभक्त कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार को भव्य और शानदार बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है.
highlights
- कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार के लिए मंगाई गई 21 किलो चन्दन की लकड़ी
- साथ ही इसमें आम और पीपल की पांच कुंतल लकड़ी का भी होगा इस्तेमाल
- अंतिम संस्कार में 45 किलो घी, एक कुंतल सुगन्धित सामग्री और केसर का भी किया जाएगा प्रयोग
लखनऊ:
पूर्व सीएम कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार के लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. रामभक्त कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार को भव्य और शानदार बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. इस दौरान कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार के लिए 21 किलो चन्दन की लकड़ी की व्यवस्था की गई है. साथ ही इसमें आम और पीपल की पांच कुंतल लकड़ी का भी इस्तेमाल किया जाएगा. कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार में 45 किलो घी, एक कुंतल सुगन्धित सामग्री और केसर का भी इस्तेमाल किया जाएगा. उनके अंतिम संस्कार की सामग्री में मेवा और मिष्ठान को भी शामिल किया गया है. इस समय अंत्येष्टि स्थल पर अंतिम संस्कार की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार, नरोरा के बसी घाट पर बाबूजी कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार होगा.
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर बुलंदशहर के नरोरा घाट पर किया जाएगा. अलीगढ़ के भाजपा सांसद सतीश गौतम ने कहा, "अंतिम संस्कार सोमवार सुबह नौ बजे स्टेडियम से शुरू होगा. अतरौली में कुछ देर रुकने के बाद यह डिबाई पहुंचेगा, जहां दोपहर करीब तीन बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा." दिवंगत नेता के करीबी सहयोगी चंद्रपाल सिंह ने कहा, "उन्होंने हमेशा डिबाई के ऊपर अतरौली को चुना, लेकिन यह सुनिश्चित किया कि अलीगढ़ उनकी 'जन्मभूमि' है जबकि बुलंदशहर उनकी 'कर्मभूमि' है. इसलिए, उनका अंतिम संस्कार डिबाई में किया जा रहा है." सिंह ने डिबाई को अपनी 'कर्मभूमि' माना क्योंकि वह बुलंदशहर से लोकसभा के लिए एक बार और दो बार डिबाई निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे. डिबाई निकटतम गंगा घाट भी है.
दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को रविवार शाम लखनऊ से एयर एंबुलेंस से महारानी अहिल्याबाई होल्कर स्टेडियम लाया गया. उनके शव के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी साथ थे. दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों की संख्या में कतारें लगी थीं और जय श्री राम और बाबू जी अमर रहे के नारे गूंज रहे थे. राजनीति में आने से पहले कल्याण सिंह अतरौली में शिक्षक थे. वह पहली बार 1967 में विधायक चुने गए थे. उन्होंने 11 विधानसभा चुनावों में से 10 में जीत हासिल की थी.
अंतिम संस्कार के दौरान भाजपा के शीर्ष अधिकारियों के मौजूद रहने की संभावना है और कार्यकर्ताओं का दावा है कि दाह संस्कार में 5 लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. इस बीच बुलंदशहर के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिषेक पांडे ने कहा कि दाह संस्कार के लिए सिंचाई विभाग की जमीन की सफाई की जा रही है. मैदान में 3,000 से अधिक लोगों को समायोजित करने की क्षमता है, लेकिन आस-पास के क्षेत्रों में बड़ी भीड़ को समायोजित किया जा सकता है. मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) पांडे ने कहा, "अंतिम संस्कार से पहले कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को गंगा में स्नान कराया जाएगा." इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिवंगत नेता के लखनऊ स्थित आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी.
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