Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आगाज होने वाला है. इस बीच एक गजब की खबर सामने आ रही है. यहां केंद्रीय अस्पताल में रविवार और सोमवार को दो बच्चों का जन्म हुआ जिनका नाम ‘कुंभ’ और गंगा रखा गया है. अब इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने परिजनों को बधाई देते हुए बताया कि रविवार को जन्मे बच्चे का नाम ‘कुंभ’ और सोमवार को जन्मी बच्ची का नाम ‘गंगा’ रखा गया है, जिसे परिजनों ने भी स्वीकार किया है.
जच्चा-बच्चा पूरी तरह स्वस्थ
दरअसल, रविवार को 20 वर्षीय सोनम को प्रसव पीड़ा उठी और उसे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. इसी तरह, सोमवार को गर्भवती शिव कुमारी ने भी एक बच्ची को जन्म दिया, जिसकी डॉक्टरों की देखरेख में डिलीवरी हुई. बता दें कि ये अस्पताल परेड स्थल स्थित सभी उपकरणों व औषधियों से युक्त है.
विश्वस्तरीय चिकित्सा से लैस होगा
यहां महिला, पुरुष व बाल रोगियों के लिए अलग-अलग वार्ड व अन्य जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि कुल 231 चिकित्सक इस अस्पताल में तैनात किए गए हैं. इसपर उपमुख्यमंत्री का कहना है कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की देखभाल हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और रहेगी. उप मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि केंद्रीय अस्पताल में विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. यहां ओपीडी, सामान्य वार्ड, प्रसव केंद्र, ऑपरेशन थियेटर और आईसीयू जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं.
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AI वाले कैमरे रखेंगे निगरानी
इस महाकुंभ में यूपी सरकार ने तीर्थयात्रियों की संख्या पर नजर रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सक्षम कैमरों, रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) रिस्टबैंड और मोबाइल ऐप ट्रैकिंग का उपयोग करने की योजना बनाई है. सरकार उम्मीद जता रही है कि इस धार्मिक उत्सव में करीब 450 मिलियन श्रद्धालुओं का आगमन होगा. यूनेस्को ने इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी है, जिसमें तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण समूह पवित्र नदी में डुबकी लगाता है.
इसकी तैयारियों पर यूपी के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि आयोजन में आने वाले लोगों की संख्या की गणना के लिए तीन तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा. सुरेश खन्ना ने बताया, 'पहली तरीका विशेषता आधारित खोज है, जहां लोगों की, कैमरों का इस्तेमाल करके निगरानी की जाएगी.
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