PM FME Scheme: इस योजना में यूपी बना नंबर वन, 250 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि की जा चुकी जारी

PM FME Scheme: उत्तर प्रदेश लगातार सरकारी योजनाओं के जरिए आम जनता को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहा है. योगी सरकार ने हर वर्ग के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं.

PM FME Scheme: उत्तर प्रदेश लगातार सरकारी योजनाओं के जरिए आम जनता को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहा है. योगी सरकार ने हर वर्ग के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं.

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Dheeraj Sharma
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cm yogi Photograph: (Social Media)

PM FME Scheme: उत्तर प्रदेश लगातार सरकारी योजनाओं के जरिए आम जनता को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहा है. योगी सरकार ने हर वर्ग के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं. यही नहीं केंद्र की ओर से चलाई जा रही योजनाओं को राज्य स्तर पर लागू करने में भी यूपी ने अव्वल दर्जा हासिल किया है. जी हां  प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PM-FME) के तहत उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान हासिल किया है. इस योजना के अंतर्गत बैंकों की ओर से प्रदेश में ऋण स्वीकृति की दर 98 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत 80 प्रतिशत से कहीं अधिक है. इससे यूपी में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को जबरदस्त गति मिली है.

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अन्य राज्यों से बेहतर प्रदर्शन, टर्म लोन स्वीकृति में तेजी

उत्तर प्रदेश ने न केवल ऋण स्वीकृति दर में बाजी मारी है, बल्कि टर्म लोन की स्वीकृति अवधि में भी अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. जहां देश में औसतन 150 दिन लगते हैं, वहीं यूपी में यह अवधि केवल 100 दिन है. इससे उद्यमियों को परियोजनाएं समय से शुरू करने में मदद मिल रही है. 

जीएसटी दरों में कटौती से उद्योग को नई ऊर्जा

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि खाद्य उत्पादों पर जीएसटी दरों में कटौती से मांग में इज़ाफा हुआ है, जिससे सूक्ष्म उद्योगों को नई ऊर्जा और अवसर प्राप्त हो रहे हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार सृजन की संभावना बढ़ी है.

वर्चुअल समीक्षा बैठक में अहम निर्णय

बुधवार को हुई वर्चुअल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव बीएल मीणा ने की, जिसमें भारत सरकार और बैंकों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में खराब प्रदर्शन पर एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के जोनल अधिकारियों के खिलाफ पत्र भेजने के निर्देश दिए गए.

उत्कृष्ट कार्य पर जिलों को प्रशस्ति पत्र

बैठक में अयोध्या, सुल्तानपुर, कौशांबी और प्रयागराज जिलों के अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देने का निर्णय भी लिया गया, जिनके प्रयासों से योजना का सफल क्रियान्वयन संभव हो सका.

400 से अधिक परियोजनाओं को स्वीकृति, 60 पूरी

अब तक प्रदेश में 400 से अधिक उद्यमियों की परियोजनाओं को मंजूरी मिल चुकी है, जिनकी कुल लागत 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है. इनमें से 60 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं. राज्य सरकार की ओर से अब तक 250 करोड़ रुपये का अनुदान भी जारी किया जा चुका है.

युवाओं की रुचि, विदेशी निवेश की संभावना

बरेली, रामपुर और शाहजहांपुर जैसे जिलों में देश-विदेश के युवा उद्यमी आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित कर रहे हैं. कई युवा जमीन खरीदकर या लीज पर लेकर उद्योगों की स्थापना में जुटे हैं, जिससे भविष्य में निर्यात की संभावनाएं भी प्रबल हो रही हैं.

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