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देवबंद के मदरसे में चलती मिली पीएचडी की क्लास, बोले मोहतमिम योगी की जांच का स्वागत

दारुल उलूम देवबंद का नाम किसी से छिपा नहीं है. इस्लामिक शिक्षा की सबसे बड़ा विश्विद्यालय लेकिन यहां आज कल मीडिया को इजाजत नहीं. पूरे देवबंद में मदरसे तो बहुत हैं मगर सब जगह मीडिया को मनाही है,

Updated on: 06 Sep 2022, 11:23 AM

नई दिल्ली :

दारुल उलूम देवबंद का नाम किसी से छिपा नहीं है. इस्लामिक शिक्षा की सबसे बड़ा विश्विद्यालय लेकिन यहां आज कल मीडिया को इजाजत नहीं. पूरे देवबंद में मदरसे तो बहुत हैं मगर सब जगह मीडिया को मनाही है, सुबह 11 बजे तक ही ये मदरसे चलते है, सुबह 6 से कही 10 बजे तक तो कहीं 7 बजे से 11 बजे तक.  देवबंद में एक मद्रास मिला जो पूरी क्षमता के साथ चलता मिला. एक पीएचडी की क्लास चल रही थी जिसमें इस्लामिक लॉ पढ़ाया जा रहा था. मोहतमिम कासमी ने बताया कि ये पीएचडी स्कॉलर हैं ,जिन्हें इस्लामिक लॉ पढ़ाया जा रहा है, साल भर के इस कोर्स के बाद ये सभी मुफ़्ती कहलाएंगे.

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 तीन तलाक को लेकर मुफ़्ती कासमी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 3 तलाक बैन करके कुछ गलत नही किया है. इस्लामिक कानून भी यही कहता है. सूबे के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसों की जांच की बात कही है , इस पर उनका कहना था, जो असली है उन्हें जांच से फर्क नहीं पड़ता और जो फर्जी है वो बंद होने चाहिए. यहां के स्टू़डेंट्स  देश की राजनीति और प्रशासनिक ढांचे के बारे भली-भांती जानते हैं. रियलिटी चेक में ये मदरसा पूरी तरह खरा उतरा. वैसे देवबंद में जो सरकारी आंकड़े के हिसाब से लीगल मदरसे हैं उनकी संख्या 40 के करीब है मगर तकरीबन कोई 4 सौ से 5 सौ मदरसे  गली मोहल्लों में चल रहे है जो सिर्फ कागजों मे चल रहे हैं उन्हें ढूंढना भी मुश्किल है.

आपको बता दें कि आजकल उत्तर प्रदेश में चल रहे मदरसों की जांच की जा रही है. प्रदेशभर में हजारों ऐसे मदरसे सामने आ रहे हैं जो बिना अनुमति के ही गली-मौहल्लों में संचालित किये जा रहे हैं. हालाकि प्रशासनिक अमला अपने हिसाब से इनकी जांच कर रहा है. लेकिन कुछ मदरसे घरों में भी चल रहा है. शायद इसकी जानकारी वहां के स्थानीय प्रशासन को भी नहीं होगी.