यूपी वालों को लग सकता है महंगाई का झटका, बिजली की दरों में हो सकता है 15 फीसदी का इजाफा

Electricity Bill in UP: आने वाले दिनों में यूपी में बिजली की दरों में इजाफा हो सकता है. इस बढ़ोतरी से बिजली विभाग अपने घाटे को पूरा करने की कोशिश करेगा. अगर ऐसा हुआ तो बिजली दरों में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.

Electricity Bill in UP: आने वाले दिनों में यूपी में बिजली की दरों में इजाफा हो सकता है. इस बढ़ोतरी से बिजली विभाग अपने घाटे को पूरा करने की कोशिश करेगा. अगर ऐसा हुआ तो बिजली दरों में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.

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Suhel Khan
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Centre plans to invest Rs 9.1 lakh crore for expanding electricity network

Electricity (File Photo)

Electricity Bill in UP: उत्तर प्रदेश के लोगों को आने वाले दिनों में महंगाई का झटका लग सकता है. क्योंकि योगी सरकार बिजली दरों में इजाफा कर सकती है. क्योंकि पावर कॉर्पोरेशन ने बिजली निगमों की ओर से 30 नवंबर को 2025-26 का वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) का मसौदा नियामक आयोग में दाखिल किया है. इसमें करीब 12,800 से 13 हजार करोड़ का घाटा दिखाया गया है. अगर आयोग ने इस मसौदे को स्वीकृति दे दी तो आने वाले दिनों में राज्य में बिजली की दरों में करीब 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.

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इतना दिखाया गया है बिजली दर का मसौदा

बता दें कि विद्युत निगमों की ओर से दाखिल किए गए मसौदे में वार्षिक राजस्व की जरूरत यानी बिजली दरों का मसौदा करीब 1.16 लाख करोड़ रुपये दिखाया गया है. इसमें करीब 12,800 करोड़ का का घाटा है. जिसकी भरपाई के लिए बिजली दरों में इजाफा हो सकता है. विभाग ने अगले वित्त वर्ष के लिए 16 हजार करोड़ यूनिट बिजली की आवश्यकता बताई गई है. वहीं राज्य में कुल बिजली खरीद की लागत लगभग 92-95 हजार करोड़ रुपये है.

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वहीं विद्युत कंपनियों की ओर से आरडीएसएस की वितरण की हानि 13.25 प्रतिशत को ही आधार माना गया है. वहीं सभी विद्युत निगमों में वर्ष 2025 -26 के लिए अनुमानित कुल घाटा करीब 12,800 से 13 हजार करोड़ के बीच बताया गया है. इस प्रस्ताव की घाटे की भरपाई के लिए विद्युत नियामक आयोग पर फैसला छोड़ दिया गया है. ऐसे में नियामक आयोग इस घाटे को पूरा कराने के लिए बिजली दरों में करीब 15 से 20 फीसदी बढोतरी कर सकता है. यही नहीं इस प्रस्ताव में दक्षिणांचल एवं पूर्वांचल को भी अलग नहीं किया गया है.

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पिछले साल हुआ था 11 हजार करोड़ का घाटा

बता दें कि पिछले साल विद्युत विभाग को 11-12 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. ये बात एआरआर में बताई गई थी. इसमें विभाग ने 13.06 प्रतिशत लाइन हानियां दिखाई थी. जबकि कुल लागत लगभग 80-85 हजार करोड़ के बीच में आंकी थी. पिछले वित्त वर्ष के लिए विभाग ने करीब 92,547 करोड़ का वार्षिक राजस्व आवश्यकता का एआरआर दाखिल किया था.

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