नववर्ष दस्तक देने को है, ऐसे में लोग पार्टी की तैयारी कर रहे हैं. अब खबर सामने आ रही है कि पार्टी करने के लिए जिला प्रशासन से इजाजत लेनी होगी. बिना अनुमति के पार्टी करने पर इसे रोका भी जा सकता है. इसके साथ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है. ऐसे में ऑनलाइन आवेदन करके पार्टी की इजाजत लेनी होगी. वहीं शराब को लेकर भी आबकारी विभाग से इजाजत लेनी होगी.
जिला स्तरीय समिति की बैठक हुई
क्रिसमस व नववर्ष की पार्टियों को लेकर सोमवार को कलक्ट्रेट में नार्को कोर्डिनेशन मैनेजमेंट की जिला स्तरीय समिति की बैठक हुई. अपर जिलाधिकारी राजस्व एवं प्रशासन अतुल कुमार का कहना है कि क्रिसमस एवं नववर्ष पर सोसायटियों व कॉलोनियों में जिला प्रशासन की ओर से अनुमति लेने के बाद ही पार्टी का आयोजन हो सकेगा.
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पार्टी में कलाकारों की ओर से कार्यक्रम एवं शराब का सेवन करने के लिए जिला मनोरंजन कर विभाग व आबकारी विभाग से इजाजत लेनी होगी. ऐसे में बिना अनुमति के आयोजनन को तुरंत बंद किया जाएगा. इस दौरान आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. शराब में केवल उत्तर प्रदेश में बिक्री के लिए शराब का ही प्रयोग होगा.
जिला मनोरंजन कर अधिकारी जेपी चंद एवं जिला आबकारी अफसर सुबोध कुमार के अनुसार, आनलाइन आवेदन करने की इजाजत ली जा सकेगी. यूपी शासन की ओर जारी जारी निर्देशों के आधार पर क्रिसमस व नववर्ष 24, 25 एवं 31 दिसंबर को एक घंटे से ज्यादा यानी रात के 11 बजे तक शराब की दुकानें खुल सकेंगी.
सूचना देने वालों का नाम होगा गुप्त
जिला आबकारी अधिकारी को निर्देश मिले हैं कि सभी कालेजों, सार्वजनिक जगहों व सिनेमा हाल में बैन लगाए जाएं, इस पर टोल फ्री मोबाइल नंबर डिस्प्ले किया जाए. इस तरह से आम नागरिक व छात्र-छात्राएं उस पर अवैध नशे की सूचना दे सकेंगे.
सूचना देने वाले के नाम को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा. जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया गया है कि सभी स्कूल-कालेजों में ड्रग्स की गतिविधियों पर अंकुश लगाई जाए. इसके लिए कमेटी तैयार की जाए. हर स्कूल से कमेटी की मासिक रिपोर्ट को प्राप्त करके नार्को कोआर्डिनेशन मैनेजमेंट समिति की बैठक में पेश किया जाए.
पुलिस विभाग के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि संबंधित विभागों के अफसरों के साथ टीम का गठन को और वे पीजी में छापे मारें. यहां पर छात्र निवास करते हैं. इसका निरीक्षण किया जाए. यह तय किया जाएगा कि छात्र किसी तरह के नशे का सेवन बिल्कुल न करें. पीजी के संचालक को भी सचेत करें कि नशे की गतिविधियां या सेवन न किया जाए, वरना कार्रवाई होगी.