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CM योगी के 'ज्ञान' पर ओवैसी का तंज-चंद्रगुप्त-एलेक्जेंडर कभी लड़े नहीं थे

यूपी के चुनावी दांव-पेंच में अब जिन्ना के बाद राजा चंद्रगुप्त मौर्य की एंट्री हो गई है. सीएम योगी ने ये मुद्दा छेड़ा है और ओवैसी ने पलटवार कर दिया है.

Updated on: 14 Nov 2021, 11:25 PM

highlights

  • यूपी के चुनावी दंगल में अब जिन्ना के बाद चंद्रगुप्त मौर्य की एंट्री
  • चंद्रगुप्त मौर्य पर बोलते हुए सीएम योगी ने इतिहासकारों पर तंज कसा
  • सीएम योगी के इतिहास ज्ञान पर ओवैसी ने किया पलटवार

लखनऊ:

यूपी विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर प्रदेश का राजनीतिक तापमान दिनोदिन बढ़ता जा रहा है. इस बीच चुनावी दौरे पर निकले नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है. राजनेताओं के वादे-इरादे में विकास और जनता के बुनियादी सवालों को जगह नहीं मिल रही है. जाति-धर्म और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलने लगा है. भाजपा ने एक बार फिर इतिहास को चुनावी बिसात पर ला दिया है. भाजपा इतिहास के साथ छेड़-छाड़ का मुद्दा उठाती रही है. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इतिहास ज्ञान पर सवाल उठने लगे हैं. यह सवाल AIMIM चीफ  असददुद्दीन ओवैसी ने उठाया है.

यूपी के चुनावी दंगल में अब जिन्ना के बाद सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य की एंट्री हो गई है. सीएम योगी ने ये मुद्दा छेड़ा है और ओवैसी ने पलटवार कर दिया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज रविवार को ब्राह्मण परिवार लखनऊ के 16वें स्थापना दिवस में हिस्सा लिया था. उस कार्यक्रम में अपने संबोधन में सीएम ने तालिबान से लेकर चंद्रगुप्त तक, इतिहास के कई पुराने पन्नों को टटोला. चंद्रगुप्त मौर्य पर बोलते हुए सीएम योगी ने इतिहासकारों पर तंज कसा. उनके मुताबिक लोग चंद्रगुप्त को महान नहीं मानते हैं. 

इतिहास को कैसे तोड़ा-मरोड़ा जाता है. हमारा इतिहास चंद्रगुप्त मौर्य को महान नहीं मानता है, उन्होंने तो उस शख्स को महान बता दिया है जो चंद्रगुप्त से जंग हार गए थे-एलेक्जेंडर. उन्हें एलेक्जेंडर द ग्रेट कहा जाता है. देश के साथ ये बड़ा धोखा हुआ है. लेकिन हमारे इतिहासकार शांत बैठे हैं. वे सच नहीं बता रहे हैं.

अब सीएम योगी के इसी बयान पर AIMIM चीफ ने पलटवार किया है. उन्होंने चंद्रगुप्त कितने महान हैं, इस पर बहस नहीं की है, बल्कि इसे छोड़ सीएम योगी के ज्ञान को ही चुनौती दे दी है. ओवैसी के मुताबिक सीएम योगी को इस मामले में कोई ज्ञान नहीं है. वे सिर्फ सहूलियत के हिसाब से बयान दे रहे हैं. वे शिक्षा को कोई महत्व नहीं देते हैं. इस दौरान उन्होंने सीएम को लगातार 'बाबा' कहकर संबोधित किया.

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हिंदुत्व सिर्फ एक फर्जी इतिहास की फैक्ट्री है. चंद्रगुप्त और एलेक्जेंडर तो कभी लड़े ही नहीं थे. उनके बीच कोई जंग नहीं हुई थी. किसी का ये कहना ही बताता है कि देश को एक अच्छे एजुकेशन सिस्टम की सख्त जरूरत है. अच्छे स्कूलों के आभाव में बाबा लोग अपने मन से कुछ भी तथ्य बनाते हैं और परोस देते हैं. बाबा शिक्षा को कोई महत्व नहीं देते हैं और ये उनके बयानों में दिखता है.

वैसे चंद्रगुप्त के अलावा सीएम योगी ने ब्राह्मण समाज को लेकर भी काफी बात की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि ब्राह्मण का मतलब संस्कार से है धर्म से है, जिसने सम विषम परिस्थिति में धर्म को नहीं छोड़ा, वही ब्राह्मण है. समाज इन मूल्यों के कारण सम्मान का भाव रखता है. वहीं तालिबान पर निशाना साधते हुए योगी कह गए हैं कि जिस अफगानिस्तान का संबंध रामायण काल और महाभारत काल से हमारे देश से है जब उस देश पर तालिबान ने कब्जा किया क्या उस तालिबान के कृत्यों का सभ्य समाज समर्थन कर सकता है. कोई नहीं कर सकता. करना भी नहीं चाहिए.

सीएम ने अपने संबोधन में अखिलेश यादव पर भी तंज कसा. उनके मुताबिक अगर सरदार पटेल से देश की रियासतों को एक साथ लाने में जरा भी गलती रह गई होती तो आज हमारे देश की क्या तस्वीर होती. आज ऐसे राष्ट्र नायक की तुलना जिन्ना से करके पूरी की पूरी पीढ़ी को अपमानित करने का काम हो रहा है.