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अब नहरों के किनारे पैदा होगी बिजली, उत्तर प्रदेश ने किए ये खास इंतजाम

बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में जाखलौन पंप नहर प्रणाली राज्य की पहली नहर परियोजना होगी. इस योजना से किसानों को फसल की सिंचाई के लिए पानी के साथ ही बिजली भी पैदा होगी. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस नहर के टफ रुफ ग्रिड से सोलर एनर्जी का उत्पादन किया जाएगा

Updated on: 08 Apr 2021, 01:42 PM

highlights

  • यूपी में नहरों के किनारे लगेंगे सोलर प्लांट
  • अब यूपी में सोलर एनर्जी से पैदा होगी बिजली
  • सिंचाई के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में होगी बिजली सप्लाई

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बिजली की बढ़ती खपत को देखते हुए सोलर एनर्जी पर ज्यादा फोकस कर रही है. इसके लिए राज्य भर में बड़ी नहरों के किनारे सौर्य उर्जा के संयत्र लगाए जाएंगे. पायलट प्राजेक्ट के तौर पर बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में जाखलौन पंप नहर प्रणाली से इसकी शुरूआत होगी. सोलर एनर्जी से बिजली पैदा करके काफी फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों में नहरों के जरिये सोलर एनर्जी उत्पादन की योजना का खाका तैयार किया जा रहा है. इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार जहां नहरों में पानी की बचत करेगी वहीं बिना किसी अतिरिक्त जमीन के करोड़ों रुपये का बिजली उत्पादन भी करेगी. राज्य सरकार की इस योजना से सिंचाई के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई सिस्टम भी मजबूत होगा.

बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में जाखलौन पंप नहर प्रणाली राज्य की पहली नहर परियोजना होगी. इस योजना से किसानों को फसल की सिंचाई के लिए पानी के साथ ही बिजली भी पैदा होगी. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस नहर के टफ रुफ ग्रिड से सोलर एनर्जी का उत्पादन किया जाएगा. अकेले इस योजना से हर साल एक करोड़ यूनिट से ज्यादा ग्रीन एनर्जी का उत्पादन होगा. इससे जहां लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध होगी वहीं सरकार को करोड़ों रुपये की बचत होगी. नहरों के जरिये सोलर एनर्जी प्लांट लगाने की इस योजना में ग्रिड लगाने के लिए भी अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता नहीं होगी. नहर पर ही ग्रिड भी लगाई जाएगी.

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जल शक्ति मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई जाखलौन नहर प्रणाली में 18,840 सोलर प्लेट्स लगाई गईं हैं. करीब 9.55 किमी की लंबी ट्रांसमिशन लाइन में 60 इंवर्टर भी लगाए गए हैं. यह पायलट प्रोजेक्ट बुंदेलखंड के करीब 100 गांवों के 20 हजार से ज्यादा ग्रामीणों के जीवन में नया बदलाव लाएगा. नहरों के जरिये बड़े स्तर पर सोलर एनर्जी उत्पादन की योजना पर काम शुरू कर दिया है. इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय ने नहरों की सूची तैयार करनी शुरू कर दी है.

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राज्य सरकार की योजना अगले छह महीनों में बुंदेलखंड के कुछ अन्य इलाकों के साथ ही पूर्वांचल की नहरों पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाने की है. योजना की खास बात यह है कि इसके जरिये स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा. सोलर प्लांटों की देखभाल और ग्रिड प्रणाली पर नजर रखने के लिए स्थानीय लोगों को जोड़ा जाएगा. इस योजना के जरिये राज्य सरकार ग्रामीणों को सिंचाई, बिजली सप्लाई के साथ रोजगार समेत त्रिस्तरीय लाभ पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है.

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उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ने बताया कि नहरों के किनारे खाली पड़ी जमीनों पर यह संयत्र लगाने के लिए सर्वे कराया गया है. इसके लिए बिजली विभाग के साथ बैठक भी की जा चुकी है. बुंदेलखण्ड में दो तीन जगह सोलर एनर्जी का काम शुरू हो गया है. इसके अलावा बहुत सारी जगहों पर इसे देखा जा रहा है. इसके अलावा यहां पर विंड सोलर और टफ रुफ ग्रिड पर बहुत ज्यादा स्कोप है. इस पर अध्ययन चल रहा है. बहुत जल्द इस पर निष्कर्ष निकाला जाएगा. गौरतलब है कि नहरों में सोलर एनर्जी प्लांट योजना के जरिये गुजरात ने ग्रामीण विकास का नया माडल देश के सामने पेश किया था. योगी सरकार की योजना इससे एक कदम आगे सोलर एनर्जी के जरिये रोजगार समेत गांवों और किसानों के विकास की कई योजनाओं को आकार देने की है.