परीक्षा पे चर्चा में पीएम मोदी ने छात्रों और अभिभावकों को बताईं ये खास बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के में देश के छात्रों उनके माता-पिता और शिक्षकों से डिजिटल मोड में संवाद किया. इस डिजटल इंटरैक्शन के दौरान पीएम मोदी ने छात्रों, अभिभावकों और उनके शिक्षकों के सवालों के जवाब दिए.
पीएम मोदी (Photo Credit: @BJP4India)
highlights
- 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने दिये छात्रों को टिप्स
- अभिभावकों और शिक्षकों के सवालों के जवाब भी पीएम ने दिए
- पीएम मोदी ने बताया कि परीक्षा जीवन का आखिरी पड़ाव नहीं है
नई दिल्ली:
Pariksha Pe Charcha 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के में देश के छात्रों उनके माता-पिता और शिक्षकों से डिजिटल मोड में संवाद किया. इस डिजटल इंटरैक्शन के दौरान पीएम मोदी ने छात्रों, अभिभावकों और उनके शिक्षकों के सवालों के जवाब दिए. पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश की छात्रा पल्लवी के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि आपको परीक्षा का डर नहीं होना चाहिए. बोर्ड की परीक्षा के पहले भी आपने कई बार परीक्षाएं दी हैं. इसलिए आपको परीक्षा का डर नहीं है बल्कि बोर्ड परीक्षाओं के समय आपके सामने ऐसा माहौल बना दिया जाता है कि यही परीक्षा सब कुछ है. जबकि ये परीक्षा कोई जीवन का आखिरी पड़ाव नहीं है.
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आगे कहा कि, बच्चों को मोटिवेट रखने के लिए कभी भी उनमें भय पैदा न करें. पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि ऐसा आसान लगता है लेकिन इससे आपके बच्चों में निगेटिव मोटिवेशन (Nigative Motivation) की संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती हैं. इसके मुताबिक जैसे ही आपके द्वारा खड़ा किया गया डर का माहौल खत्म होता है तो उसका मोटिवेशन भी समाप्त हो जाता है.
पीएम मोदी ने छात्रों और पैरेंट्स को दिए ये महत्वपूर्ण टिप्स
- पीएम मोदी ने बताया कि एग्जाम हॉल में जाते समय सारी टेंशन को बाहर छोड़ देना चाहिए.
- परीक्षा के नंबर आपकी योग्यता के पहचान नहीं हैं. परीक्षा एक पड़ाव मात्र है.
- पीएम मोदी ने छात्रोंं को बताया कि बोर्ड परीक्षा जीवन का आखिरी पड़ाव नहीं है.
- परीक्षा में समय को बराबर-बराबर बांटना चाहिए.
- परीक्षा के दौरान आसान सवाल पहले हल करें, इससे तनाव कम होगा और आत्म-विश्वास बढ़ेगा.
- जो लोग सफल होते हैं वे सभी विषयों में पारंगत नहीं होते, बल्कि वे किसी एक विषय में निपुण होते हैं. इसलिए किसी एक विषय में महारथ हासिल करें.
- क्रिएटिविटी का दायरा नॉलेज से बहुत दूर ले जाता है. मोदी सर ने कहा, "जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि."
- अपने आस-पास के वातावरण से सीखिए.
- याद करने की बजाय जीने की कोशिश करनी चाहिए.
- शिक्षक छात्रों को टोकने की बजाय उन्हें गाइड करें.
- हम जाने-अनजाने बच्चों को इंस्ट्रूमेंट मान लेते हैं. बच्चों को मोटिवेट करने का तरीका ट्रेनिंग.
- बच्चों में कभी भी भय पैदा न करें. ऐसा आसान लगता है लेकिन इससे निगेटिव मोटिवेशन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
- टीचर के कहने का बच्चों पर अधिक असर होता है.
- बच्चों को सकारात्मक प्रेरणा देते रहना चाहिए.
- बच्चों को अपने सपने को लेकर बैठना नहीं चाहिए, बल्कि उसक लिए सतत प्रयास करने चाहिए.
- बच्चों के साथ अपने गैप को कम कीजिए. उनके साथ क्लोजनेस बढ़ाईये.
- जब बच्चा छोटा होता है तो आप उसके साथ बच्चे बन जाते हैं. ऐसा 5-6 साल की उम्र तक चलता रहता है. लेकिन बाद में मां-बाप बच्चों को डॉमिनेट करने लग जाते हैं.
First Published : 07 Apr 2021, 11:20:20 PM
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