सरकारी सिस्टम की लापरवाही देखनी है तो आपको सोनभद्र आना होगा. यहां जिंदा शख्स को सरकारी कागज में मृत दिखा दिया जाता है. वहीं जिंदा शख्स कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. समाज कल्याण विभाग से मिल रहा एक दर्जन से ज्यादा लाभार्थियों की वृद्धा पेंशन बंद हो चुकी है. मामला डीएम की जानकारी में आने के बाद जांच शुरू हो गई है.
लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा
दरअसल मामला घोरावल ब्लॉक के देवरी खुर्द गांव का सामने आया है, जहां 13 जिंदा व्यक्तियों को सरकारी कागजात में मृत दिखा दिया गया. इन लोगों को मिलने वाला वृद्धा पेंशन करीब एक वर्ष से बंद हो गया. सरकारी सिस्टम की लापरवाही की भेंट चढ़े लाभार्थियों को जब मृत होने की जानकारी मिली तो उनके नाराजगी का ठिकाना नहीं रहा. आर्थिक रूप से कमजोर इन लाभार्थियों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. इन लोगों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में खेत भी नहीं है, जिससे यह खेती कर सकें और अपना जीवन यापन चला सकें. जीवन चलाने के लिए सरकार से कुछ सहयोग मिल रहा था लेकिन कुछ लोगों को रास नहीं आया और वह हम लोगों को जिंदा ही मार दिए.
ये भी पढ़ें:अमित शाह ने राज्यसभा में कांग्रेस पर किया बड़ा हमला, कहा- संविधान की मर्यादा को तार-तार कर डाला
सरकारी कागज से कैसे कट गया नाम
इन लाभार्थियों का कहना है कि उनका नाम सरकारी कागज से कैसे कट गया. इसकी उन्हें जानकारी नहीं है जबकि यह जिंदा हैं. ग्रामीण रामखेलावन बताया कि जब पेंशन का पैसा नहीं आया तब ब्लॉक पर जाकर पता लगाया तो जानकारी में आया कि ब्लॉक में जो सरकारी रिकॉर्ड है उसमें उनके नाम के आगे मृत लिखा हुआ था. यह देखकर ब्लॉक कर्मचारी भी अवाक रह गए, उनको समझ में नहीं आया कि जिस व्यक्ति का नाम वह मृत दिख रहा है वह सामने खड़ा है.
करीब 1 वर्ष से पैसा नहीं आ रहा
ग्रामीण संतु ने बताया कि जब बैंक में पेंशन नहीं आई तो वह समाज कल्याण ऑफिस चले गए या पता लगाने की उनके खाते में करीब 1 वर्ष से पैसा नहीं आ रहा है. तब समाज कल्याण विभाग में कर्मचारियों ने बताया कि इस नाम के व्यक्ति की मौत हो गई है. जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह की ने बताया कि कुछ ग्रामीण उनसे मिलने के लिए आए थे, वृद्धा पेंशन को लेकर वह शिकायत कर रहे थे. समाज कल्याण अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही गई है. यह भी देखना होगा कि किस अधिकारी के स्तर से यह रिपोर्ट दी गई है, जांच कर कार्यवाही होगी.