गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता संविधान को निजी जागीर की तरह मानते हैं. राज्यसभा में संविधान पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि वैसे तो कांग्रेस ने 55 साल में 77 संशोधन किए, मगर चार संशोधन ऐसे किए, जिसने संविधान की मर्यादा को तार-तार कर डाला. एक था कि हम पर किसी तरह का केस न हो. दूसरा, हम चुनाव हारने वाले हैं तो समझ बढ़ा दो, तीसरा था कि मेरे पर जांच नहीं हो सकती. वहीं चौथा था कि नागरिकों को संविधान में मिले अधिकारों को खत्म करना चाहिए. कांग्रेस को यह बताना होगा कि इन संशोधनों को करने के पीछे उसकी मंशा क्या थी.
कांग्रेस की ओर से हुए 4 संशोधन
1. गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि कांग्रेस ने संविधान लागू होने के तुरंत बाद ही 18 जून 1951 को पहला संशोधन किया. उस समय न राज्यसभा बनी थी और न ही लोकसभा. कांग्रेस के पास चुनाव तक में जाने का बिल्कुल धैर्य नहीं था. उस समय संविधान में 19A को जोड़ा गया. यह अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक थी. इस संशोधन के समय पीएम जवाहर लाल नेहरू थे.
2. राज्यसभा में अमित शाह ने बताया, कांग्रेस की ओर से 5 नवंबर 1971 को किया गया 24 वां संशोधन किया गया. इसमें संसद को नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कम करने का अधिकार दिया. यह संशोधन इंदिरा गांधी के कार्यकाल में हुआ था.
3. अमित शाह ने 10 अगस्त 1975 को हुआ 39 वां संविधान संशोधन गिनाया था. इसके माध्यम से पीएम पद की न्यायिक जांच पर प्रतिबंध लगा. इस संशोधन से यह तय हुआ कि अगर पीएम पर पहले भी कोई केस हैं तो खारिज हो जाएगा.
4. कांग्रेस की ओर से किया चौथा संशोधन अमित शाह ने उस 42 वें संशोधन में गिनाया. जिसमें राज्य की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 से 6 साल तक किया गया था.
कांग्रेस के नेताओं ने जमकर हंगामा किया
अमित शाह ने कहा कि जिस तरह से संविधान में 4 संशोधन किए गए. उस निर्लज्जता के साथ विश्व में किसी ने संविधान में संशोधन नहीं किया. अमित शाह के इस बयान पर कांग्रेस के नेताओं ने जमकर हंगामा किया. अमित शाह ने कहा कि आपने ये किया है तो सुनना तो पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बाद में किसी संशोधन को कोर्ट ने निरस्त किया. इस दौरान कुछ चलते रहे.