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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने विकास दुबे एनकाउंटर मामले में UP के DGP से मांगा जवाब

2 सितंबर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर सुनवाई की जाएगी. इस पूरे मामले में मानवाधिकार की टीम ने पुलिस की अब तक की कार्यवाही का पूरा ब्योरा मांगा है.

Updated on: 14 Jul 2020, 05:30 PM

नई दिल्‍ली:

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी से जवाब मांगा है. मानवाधिकार आयोग ने विकास दुबे एनकाउंटर मामले में 6 सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. 2 सितंबर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर सुनवाई की जाएगी. इस पूरे मामले में मानवाधिकार की टीम ने पुलिस की अब तक की कार्यवाही का पूरा ब्योरा मांगा है. 

वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह विकास दुबे और उसके सहयोगियों की मुठभेड़ों में मौत के मामले में प्रशासन द्वारा उठाये गये कदमों के विस्तृत विवरण के साथ एक स्थिति रिपोर्ट पेश करेगी. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि वह दुबे और उसके सहयोगियों की मुठभेड़ में मौत के साथ ही गैंगस्टर द्वारा आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले की जांच के लिये पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने पर विचार कर सकती है.उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि वह इस मामले में 16 जुलाई तक स्थिति रिपोर्ट पेश करेंगे.

20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
शीर्ष अदालत ने कहा कि दुबे और उसके सहयोगियों की पुलिस मुठभेड़ में मौत के मामलों की न्यायालय की निगरानी में जांच के लिये दायर याचिकाओं पर 20 जुलाई को सुनवाई की जायेगी. कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में तीन जुलाई की रात विकास दुबे को गिरफ्तार करने गयी पुलिस की टुकड़ी पर घात लगाकर किये गये हमले में पुलिस उपाधीक्षक देवेन्द्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे. पुलिस की इस टुकड़ी पर विकास दुबे के घर की छत से गोलियां बरसाईं गयीं थीं. विकास दुबे 10 जुलाई की सुबह कानपुर के निकट भौती इलाके में पुलिस मुठभेड़ में उस समय मारा गया जब उसने कथित तौर पर पुलिस की दुर्घनाग्रस्त गाड़ी से निकल कर भागने का प्रयास किया. उप्र पुलिस इसी गाड़ी में विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर ला रही थी.

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विकास दुबे का सहयोगी शशिकांत गिरफ्तार
कानपुर पुलिस ने बिकरू पुलिस मुठभेड़ के आरोपी और गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी शशिकांत को सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया. शशिकांत के सिर पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था. शशिकांत से पूछताछ के आधार पर विकास के घर से पुलिस की एके 47 रायफल और 17 कारतूस तथा शशिकांत के घर से इंसास रायफल और 20 कारतूस बरामद किए गए हैं. ये हथियार पुलिस मुठभेड़ में लूटे गए थे.

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शशिकांत ने लूटे गए पुलिस के असलहों के बारे में दी जानकारी
एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कानपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 50,000 रुपये के इनामी बदमाश शशिकान्त उर्फ सोनू पाण्डेय को रात दो बजकर 50 मिनट पर चौबेपुर से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि शशिकांत ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि मुठभेड़ में उसके अलावा विकास दुबे, अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम कुमार, प्रभात मिश्रा, बउअन, हीरु, शिवम, जिलेदार, रामसिंह, रमेशचन्द्र, गोपाल सैनी, अखिलेश मिश्रा, विपुल, श्यामू बाजपेयी, राजेन्द्र मिश्रा, बालगोविन्द दुबे और दयाशंकर अग्निहोत्री बदमाश शामिल थे. शशिकांत ने पूछताछ में जानकारी दी कि लूटा गया असलहा उसके और विकास दुबे के मकान में छिपा है.