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Mulayam Singh Yadav: 24 चुनाव जीते, लेकिन 22 कार्यकाल अधूरे; बदलीं 7 राजनीतिक पार्टियां

समाजवादी राजनीति (Socialist Politics) के पुरोधा माने जाने वाले मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का निधन हो गया है. उन्होंने अपने पूरे जीवन जमकर राजनीति के पेंच लड़ाए. खूब आगे बढ़े, तो कईयों को गिराया भी. कभी परिवारवाद...

Updated on: 10 Oct 2022, 01:43 PM

highlights

  • मुलायम सिंह यादव का निधन
  • जीवन में दो दर्जन चुनावों में हासिल की जीत
  • 1974 से लगातार रहे किसी न किसी सदन के सदस्य

लखनऊ/नई दिल्ली:

समाजवादी राजनीति (Socialist Politics) के पुरोधा माने जाने वाले मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का निधन हो गया है. उन्होंने अपने पूरे जीवन जमकर राजनीति के पेंच लड़ाए. खूब आगे बढ़े, तो कईयों को गिराया भी. कभी परिवारवाद के घनघोर विरोधी रहे मुलायम सिंह यादव पर परिवारवाद के भी खूब आरोप लगे. लेकिन इन सबसे इतर वो लगातार जनता का साथ पाते रहे. अपने पूरे राजनीतिक करियर में मुलायम सिंह यादव 10 बार विधायक के तौर पर चुने गए. एक बार वो विधानपरिषद भी पहुंचे. 7 बार सांसद रहे. तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे. केंद्र सरकार में भी मंत्री रहे.

असफलताएं भी मिली, लेकिन धरती पकड़ नहीं हटे पीछे

ऐसा भी नहीं है कि उनका हरेक दांवपेंच उन्हें सफलता ही दिलाता रहा. खूब असफलताएं भी उनके हिस्से रही, लेकिन उन्होंने हर बार कुछ ऐसे पैंतरे बदले कि राजनीतिक विरोधियों को हमेशा धोबी पछाड़ मार कर चित ही करते रहे. मुलायम सिंह यादव दो बार तो प्रधानमंत्री पद की कुर्सी तक पहुंचते-पहुंचते रह गए. और उन्हें विधायकी के चुनाव में हार भी झेलनी पड़ी. यही नहीं, उन्होंने शुरुआती 10 चुनाव जीतने के लिए 6 राजनीतिक पार्टियां पकड़ी, तो क्रांतिकारी मोर्चे का भी गठन किया. बताते हैं मुलायम सिंह यादव के उन सभी चुनावों के बारे में... जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की. 

मुलायम सिंह यादव की चुनावी जीत, साल दर साल...

1- मुलायम सिंह यादव पहली बार साल 1967 से 1969 तक जसवंतनगर विधानसभा सीट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए. तो मुलायम सिंह यादव को 1969 के चुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ा. 

2- मुलायम सिंह यादव साल 1974 से 1977 तक दूसरी बाद विधायक जसवंतनगर सीट से ही चुने गए. उन्होंने वो चुनाव भारतीय क्रांति दल के टिकट पर जीता. 

3- मुलायम सिंह यादव जसवंतनगर सीट से ही 1977 से 1980 के बीच तीसरी बार विधायक रहे. लेकिन तब उन्होंने भारतीय लोक दल के टिकट पर चुनाव जीता. और राज्य सरकार में राज्यमंत्री भी बने.

4- साल 1982 से 1985 तक वो पहली बार एमएलसी रहे. वो नेता विपक्ष भी रहे. 

5- मुलायम सिंह यादव 1985 से 1989 के लिए चौथी बार जसवंत नगर से ही विधायक चुने गए. इस बार फिर से पार्टी बदल चुकी थी. अब तमाम दलों को बनाकर बनी लोक दल से वो विधायक चुके गए. इसी दौरान उनका विवाद चौधरी चरण सिंह से बढ़ा. 

6- साल 1989 से 1991 तक वो पांचवीं बार जसवंत नगर सीट से ही विधायक बने. पार्टी फिर से बदल गई. इस बार वो जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते. और मुख्यमंत्री भी बने. 

7- मुलायम सिंह यादव साल 1991 से 1993 के लिए छठीं बार विधायक चुने गए. पार्टी इस बार जनता पार्टी थी. इस दफे उन्होंने जसवंतनगर, निढौली कलान और तिलहर सीट से चुनाव जीता. जिसमें से तिलहर सीट पर उप-चुनाव था. इस तरह से वो 8 बार विधायक चुने जा चुके थे. दो सीटों पर से मुलायम सिंह यादव ने इस्तीफा दे दिया.

8- साल 1993 से 1996 के लिए वो सातवीं बार विधायक चुने गए. इस बार अपनी पार्टी यानि समाजवादी पार्टी से विधायक बने. उन्होंने जसवंतनगर के साथ ही शिकोहाबाद से भी चुनाव जीता. और दूसरी बार यूपी के मुख्यमंत्री बने. इसके साथ ही उन्होंने जसवंतनगर सीट अपने भाई शिवपाल यादव के लिए खाली कर दी. कुल मिलाकर ये नौंवा और दसवां मौका था जब उन्होंने विधायकी का चुनाव जीता.

9- साल 1996 में ही उन्होंने सहसवान से विधानसभा चुनाव लड़ा. वो आठवीं बार विधायक बने, जबकि 11वीं बार विधानसभा सीट पर जीत हासिल की. उन्होंने उसी साल इस्तीफा भी दे दिया, क्योंकि अगला चुनाव बड़ा था.

10- मुलायम सिंह यादव ने साल 1996 में पहली बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. वो मैनपुरी से सांसद बने. पहली बार केंद्र में मंत्री भी बने. लेकिन साल 1998 में लोकसभा विघटित कर दी गई. 

11- साल 1998 से 1999 के लिए वो संभल से लोकसभा के लिए चुने गए. सांसद के तौर पर ये उनका दूसरा कार्यकाल था. लोकसभा विघटित कर दी गई. और अब तक का राजनीतिक जीवन उनका बिना कोई कार्यकाल पूरा किये ही था. 

12- मुलायम सिंह यादव 1999 से 2004 तक तीसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए. उन्होंने मैनपुरी, कन्नौज दो जगहों से चुनाव जीता. कन्नौज से उन्होंने 2000 में इस्तीफा दे दिया. फिर 2003 में ही मैनपुरी से भी इस्तीफा दे दिया. क्योंकि 2003 में ही वो राज्य के मुख्यमंत्री तीसरी बार बने.

13- मुलायम सिंह यादव 2003 से 2007 तक यूपी के तीसरी बार मुख्यमंत्री रहे. इस दौरान उन्होंने नौंवी बार विधायक के तौर पर गुन्नौर सीट (2004-2007) से उप-चुनाव में जीत हासिल की. ये 12वां मौका था, जब वो विधायक चुने गए.

14- साल 2004 में ही मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से फिर से लोकसभा चुनाव जीते. ये चौथी बार था जब वो सांसद बने. और कुल पांचवीं बार. लेकिन उन्होंने उसी साल इस्तीफा दे दिया. 

15- मुलायम सिंह यादव ने 2007-2009  के बीच गुन्नौर और भर्थना सीटों से विधानसभा चुनाव जीता, जिसमें से भर्थना सीट से उन्होंने इस्तीफा दे दिया. ये उनकी विधायक के तौर पर 13वीं और 14वीं जीत थी. 

16- मुलायम सिंह यादव साल 2009 में फिर से चुनाव में उतरे. उन्होंने मैनपुरी सीट से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की. ये उनकी लोकसभा चुनाव में छठीं जीत रही. साल 2014 तक वो सांसद रहे. ये पहली बार रहा कि उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया, चाहे वो सांसदी का रहा हो या विधायकी का. 

17-साल 2014 में मुलायम सिंह यादव ने मोदी लहर के बावजूद आजमगढ़ और मैनपुरी से चुनाव जीतने में सफल रहे. ये उनकी लोकसभा चुनावों में क्रमश: सातवीं और आठवीं जीत रही. उन्होंने मैनपुरी सीट से इस्तीफा दे दिया. और आजमगढ़ से अपना कार्यकाल पूरा किया. 

18- वयोवृद्ध हो चले मुलायम सिंह यादव ने फिर से 2019 में मैनपुरी सीट से चुनाव जीता. ये सांसद के तौर पर उनकी नौंवी जीत रही. इस बार भी वो अपना कार्यकाल पूरा न कर सके.

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जीवन में 24 चुनावी जीत, लेकिन 22 कार्यकाल रहे अधूरे

इस तरह से मुलायम सिंह यादव कुल 11 बार विधायकी का चुनाव जीते. 9 बार सांसद रहे मुलायम सिंह यादव 7 बार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. हालांकि वो सिर्फ 1969-1974 के 5 साल किसी भी सदन के सदस्य नहीं रहे. इसके अलावा वो हमेशा किसी न किसी सदन में रहे. लेकिन ये उनका दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि 14 बार विधायक और एक बार विधानसभा परिषद के सदस्य, 9 बार सांसदी का चुनाव जीते, तीन बार मुख्यमंत्री और एक बार केंद्रीय मंत्री, राज्य में मंत्री भी रहे. इसके बावजूद कभी उनका कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया, सिवाय मैनपुरी (2009-2014) और आजमगढ़ (2014-2019) से सांसदी के.