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Mulayam Singh Yadav: समाजवादी पार्टी के संस्थापक, यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का निधन हो गया है. मुलायम सिंह यादव किसी पहचान के मोहताज नहीं रहे. वो 60 के दशक से अब तक करीब 6 दशकों से हमेशा चर्चा में रहे. धरती पुत्र कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव का...
Mulayam Singh Yadav ( Photo Credit : File)
Mulayam Singh Yadav: समाजवादी पार्टी के संस्थापक, यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का निधन (Mulayam Singh Yadav Passed Away) हो गया है. मुलायम सिंह यादव किसी पहचान के मोहताज नहीं रहे. वो 60 के दशक से अब तक करीब 6 दशकों से हमेशा चर्चा में रहे. धरती पुत्र कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव का अखाड़े से समाजवादी राजनीति का पुरोधा बनने तक का सफर बहुत लंबा रहा. करीब 6 दशकों के राजनीतिक सफर में उन्होंने लगभग हर शीर्ष पद को हासिल किया. इसके बावजूद मुलायम सिंह यादव का सैफई से निकल कर लखनऊ और फिर दिल्ली के शीर्ष नेताओं में शुमार होने का सफर काफी दिलचस्प रहा है.
ऐसा रहा मुलायम सिंह यादव का सफर
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 में उत्तर प्रदेश (तत्कालीन यूनाईटेड प्रोविन्स) के सैफई में हुआ था. उन्होंने राजनीतिशास्त्र की पढ़ाई की. बीए, एमए के बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी की उपाधि ली. मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी के करहल कस्बे में स्थित जैन इंटर कॉलेज में राजनीति विज्ञान के शिक्षक के तौर पर भी कार्य किया. इसी दौरान वो राजनीति में सक्रिय हुए. राजनीति की दुनिया में उनका झुकाव शुरुआत से ही समाजवाद की तरफ हुआ और वो इटावा-मैनपुरी में भी समाजवादी राजनीति में हिस्सा लेने लगे. धीरे-धीरे वो राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह के प्रिय हो गए. सबसे पहले उन्होंने संयुक्त प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का दामन थामा और साल 1967 में विधायक बने. कभी साइकिल से चलने वाले मुलायम सिंह यादव ने जब साल 1992 में अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई, तब उन्होंने उसका निशान साइकिल ही रखा.
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मुलायम सिंह यादव ने बदली कई राजनीतिक पार्टियां
मुलायम सिंह यादव ने शुरुआत प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से की थी, इसके बाद वो डॉ राम मनोहर लोहिया के संयुक्त प्रजा सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हो गए. इसी पार्टी से वो साल 1967 में पहली बार महज 28 साल की उम्र में विधायक बने. उसी साल डॉ राम मनोहर लोहिया की मौत के बाद पार्टी कमजोर पड़ने लगी. साल 1968 में उन्होंने चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल का दामन थाम लिया. फिर क्रांति दल और सोशलिस्ट इकट्ठे हुए तो लोक दल में वो शामिल हो गए. साल 1987 में क्रांतिकारी मोर्चा भी मुलायम सिंह यादव ने बनाया, जब चौधरी चरण सिंह अपने बेटे अजित सिंह को पार्टी में अहम पद पर लाए. इसके बाद उन्होंने चंद्रशेखर की जनता दल (समाजवादी) का दामन था. फिर साल 1992 में अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बना ली.
कभी परिवारवाद के घोर विरोधी थे मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी पर परिवारवादी पार्टी होने के आरोप लगते हैं. ये सच भी है कि उनके परिवार के तमाम लोग राजनीतिक पदों यहां तक कि कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, विधानपरिषद, जिला परिषद या उन तमाम राजनीतिक पदों पर रहे, जो राजनीतिक पर ताकतवर हो सकते हैं. लेकिन कभी वो परिवारवाद के नाम पर इंदिरा गांधी और फिर अपने ही गुरु चौधरी चरण के विरोधी हो गए थे और लोक दल पार्टी को ही तोड़ दिया था. चूंकि वो लोक दल में चौधरी चरण सिंह के बाद सबसे महत्वपूर्ण नेता थे, लेकिन चौधरी चरण सिंह अपनी विरासत को बेटे अजित सिंह को सौंप रहे थे, जिसका मुलायम सिंह यादव ने कड़ा विरोध किया और क्रांतिकारी मोर्चा का गठन कर लिया. इसमें उनके साथ तमाम कम्युनिष्ट भी आ गए थे.
मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर के अहम पड़ाव
HIGHLIGHTS
Source : Shravan Shukla